काम-भोग :!
[[श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] == काम-भोग : == कामासक्तस्य नास्ति चिकित्सितम्। —नीतिवाक्यामृत : ३-१२ कामासक्त व्यक्ति का कोई इलाज नहीं है। अर्थात् काम रोग की कोई चिकित्सा नहीं है। धर्मार्थाविरोधेन कामं सेवेत। —नीतिवाक्यामृत : ३-२ धर्म और धन का नाश न करते हुए काम का सेवन करना उचित है। नागो जहा पंकजलावसन्नो, दट्ठुं थलं नाभिसमेइ तीरं। एवं…