मन्दिर का घण्टा और आरती!
मन्दिर का घण्टा और आरती पुजारी प्रभात और संध्या के समय आरती भी सँजोता और घण्टा का नाद भी करता। उसके लिए आरती और घण्टा पूजा के समान उपकरण थे। लेकिन आरती और घण्टा में कशमकश चलती रहती। घण्टा ऊँचे पर टंगा था, भगवान की प्रतिमा से भी ऊँचे पर और आरती उससे नीचे वेदी…