सम्मेद शिखर स्तुति
(१९) सम्मेद शिखर स्तुति चिन्मूरति चिंतामणि, चिन्मय ज्योतीपुंज।मैं प्रणमूं नित भक्ति से, चिन्मय आतमकुंज।।१।। शंभु छन्द जय जय सम्मेदशिखर पर्वत, जय जय अतिशय महिमाशाली।जय अनुपम तीर्थराज पर्वत, जय भव्य कमल दीधितमाली१।। जय कूट सिद्धवर धवलकूट, आनंदकूट अविचलसुकूट।जय मोहनकूट प्रभासकूट, जय ललितकूट जय सुप्रभकूट।।२।। जय विद्युत संकुलकूट सुवीरकूट स्वयंभूकूट वंद्य।जय जय सुदत्तकूट शांतिप्रभ, कूट ज्ञानधरकूट वंद्य।।...