करणानुयोग के परिप्रेक्ष्य में तथ्य सत्यदृष्टि तथा करण (गणित) की अनिवार्यता!
करणानुयोग के परिप्रेक्ष्य में तथ्य सत्यदृष्टि तथा करण (गणित) की अनिवार्यता इसमें अनुष्ठान रूप उपयोग के अशुभ, शुभ, शुद्ध इन तीन भेदों में करणानुयोग की दृष्टि में चौथे गुणस्थान से दशम गुणस्थान तक शुभ और द्रव्यानुयोग की दृष्टि में चौथे गुणस्थान से छठे गुणस्थान तक शुभ तथा सातवें से बारहवें गुणस्थान तक शुद्ध उपयोग सहेतुक…