‘जो भी बोलूँगा सच-सच बोलूँगा, सच के सिवाय कुछ नहीं बोलूँगा’’!
‘जो भी बोलूँगा सच-सच बोलूँगा, सच के सिवाय कुछ नहीं बोलूँगा’’ (तीर्थंकर ऋषभदेव तपस्थली तीर्थ प्रयाग-इलाहाबाद में आयोजित कुण्डलपुर राष्ट्रीय महासम्मेलन के अवसर पर २० अक्टूबर २००२ को प्रस्तुत) -प्राचार्य नरेन्द्रप्रकाश जैन, फिरोजाबाद (अध्यक्ष-अ.भा.दि. जैन शास्त्री परिषद्) मेरी यह मान्यता है कि हर क्षेत्र का विकास होना चाहिए। वैशाली का भी विकास हो और कुण्डलपुर…