परिशिष्ट अलौकिक गणित मान के दो भेद हैं लौकिक और अलौकिक। १. लौकिक मान ६ प्रकार का है— मान, उनमान, अवमान, गणितमान, प्रतिमान, तत्प्रतिमान, पाई वगैरह का मान कहते हैं। तराजू के तौल को उनमान कहते हैं। बर्तन का माप को अवमान कहते हैं। १, २, ३, ४ आदिक गिनती को गणितमान कहते हैं। तोला…
सरस्सदी-त्थुदि संस्कत विद्यापीठ, नई दिल्ली में प्राकृतभाषा पाठ्यक्रम के शुभारम्भ के अवसर पर ‘सरस्वती वंदना’ के रूप में प्राकृतभाषा-निबद्ध यह ‘सरस्वती-स्तुति’ प्रथम बार गायी गयी तथा तब से प्रतिदिन प्राकृतभाषा की कक्षा में इसका समूहगान होता है, तदुपरान्त कक्षा प्रारम्भ होती है। ‘प्राकृतविद्या’ के जिज्ञासु पाठकवृन्द की सेवा में यह सानुवाद प्रस्तु है। सरस्वती-पसादेय, कव्व्ं…
पंचम परिच्छेद ९१. शिक्षाव्रत देशावकाशिकं वा, सामायिवं प्रोष्ज्ञधोपवासो वा। वैय्यावृत्यं शिक्षा-व्रतानि चत्वारि शिष्टानि।।९१।। शिक्षाव्रत के हैं चार भेद पहला देशावकाशिक व्रत है। सामायिक अरू प्रोषधोपवास चौथा वैयावृत्त व्रत है।। इन पाँच अणुव्रत त्रय गुणव्रत अरू चार व्रतों के मिलने से। मानव श्रावक कहलाता है इन बारह व्रत के धरने से।। जो मुनिव्रत की शिक्षा देते…
जैनागम में वर्णित हवन विधि आवश्यक क्यों चन्दनामती -पूज्य माताजी! वंदामि, मैं आपसे श्रावकों द्वारा पूजा-विधानों के अंत में की जाने वाली हवन विधि के बारे में कुछ समयोचित बातें पूछना चाहती हूँ। श्री ज्ञानमती माताजी-पूछो। चन्दनामती -पूजा विधानों के समापन में एवं पंचकल्याणक प्रतिष्ठाओं में अग्निकुण्डों में हवन क्यों किया जाता है? श्री ज्ञानमती…
घर का दवाखाना १. दही मथें माखन मिले, केसर संग मिलाय होठों पर लेपित करें, रंग गुलाबी आय ।। २. बहती यदि जो नाक हो, बहुत बुरा हो हाल । यूकेलिप्टिस तेल लें, सूंधें डाल रूमाल ।। ३. अजवाइन को पीसिये, गाढ़ा लेप लगाय । चर्म रोग सब दूर हों, तन कंचन बन जाय ।।…
मघवा चक्रवर्ती श्री धर्मनाथ तीर्थंकर के तीर्थ में मघवा चक्रवर्ती हुए हैं, ये तृतीय चक्रवर्ती थे। इनके पूर्वभव का वर्णन इस प्रकार है- श्री वासुपूज्य भगवान के तीर्थकाल में ‘नरपति’ नाम के राजा ने राज्य, भोगों से विरक्त होकर जैनेश्वरी दीक्षा ले ली। घोरातिघोर तप करके मध्यम ग्रैवेयक में अहमिंद्र हो गए। वहाँ की सत्ताईस…
आंखों को रखें हमेशा स्वस्थ आंखें चेहरे की खूबसूरती मे चार—चांद लगाती हौं आखें किसी भी भाव को प्रस्तुत करने में पहला कदम उठाती हैं आजकल नित बढ़ता प्रदूषण और खाद्य पदार्थों में हो रही मिलावट आंखों पर बहुत बुरा प्रभाव डालती है इसलिए आंखों की देखभाल बहुत जरूरी हो गयी है। चेहरे पर जैसे…
आयुर्वेद शास्त्र के अनुरूप मसालों का प्रयोग करें आयुर्वेद शास्त्रा के अनुसार इस संसार में कोई भी ऐसी वस्तु नहीं है जिसका प्रयोग स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने में नहीं किया जा सकता। वनस्पति जगत, प्राणी जगत और खनिज से प्राप्त होने वाले द्रव्यों का शरीर पर होने वाले द्रव्यों का शरीर पर होने वाले गुण—दोषों…