HOW TO MAKE THE BEST OF LIFE Eat Less — Chew More Ride Less — Run More Drive Less — Walk More Talk Less — Work More Sit Less — Move More Read Less — Write More Idle Less — Think More Worry Less — Laugh More Grouse Less — Smile More Hate Less —…
विश्व के २० प्रमुख द्वीप १. – ग्रीनलैण्ड, – आर्कंटिक महासागर२. – न्यूगिनी, प. प्रशान्त महासागर३. – बोर्नियो, हिन्द महासागर४. – मेडागास्कर, हिन्द महासागर५. – बेफिन द्वीप (कनाड़ा), उत्तरी आर्क़टिक महासागर६. – सुमात्रा (इण्डोनेशिया), हिन्द महासागर७. – होन्शब (जापान), उत्तरी—पश्चिम प्रशांत महासागर८. – ब्रिटेन (ग्रेट—ब्रिटेन), उत्तरी—अटलाण्टिक महासागर९. – विक्टोरिया द्वीप (कनाड़ा), उत्तरी ध्रुव महासागर१०. –…
सुई का काम करो, कैंची का नहीं अर्थात् हमेशा एक- दूसरे को जोड़ने का काम करना चाहिए , तोड़ने का नहीं करना चाहिए ।
विद्वान भारत श्री जीवन प्रकाश जैन दि. जैन त्रिलोक शोध संस्थान, जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर-250404 जिला-मेरठ (उ.प्र) प्रबंध संपादक-सम्यग्ज्ञान मो.:-094110 25124 पं. नरेशकुमार जैन कांसल, प्रेम निवास, पंच कुटीर, ए-1,पांडव नगर, जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर-250404 जिला मेरठ (उ.प्र.) प्रतिष्ठाचार्य फोनः01233-280021(नि.) मो.:-09412468345 पं. विजय कुमार जैन ,प्रतिष्ठाचार्य जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर-250404 जिला-मेरठ (उ.प्र) मो.:-09717331008 पं. प्रदीप जैन शास्त्री जम्बूद्वीप , हस्तिनापुर -मेरठ (उ .प्र.) फोन न.-…
जंबूद्वीप की समस्त नदियों के निर्गमन व प्रवेश स्थान के तोरणद्वारों पर जिनप्रतिमाएँ अंबरपणएक्कचऊणवछप्पण्णसुण्णणवयसत्तं च। अंककमे परिमाणं जंबूदीवस्स खेत्तफलं१।।२३७९।।७९०५६९४१५०। अट्ठावीससहस्सं भरहस्स तरंगिणीओ दुगसहिदा। दुगुणा दुगेण रहिदा हेमवदक्खेत्तसरिया णं।।२३८०।।२८००२। ५६००२। हेमवदवाहिणीणं दुगुणियसंखा य दुगविहीणा य। हरिवरिसम्मि पमाणं तरंगिणीणं च णादव्वं।।२३८१।।११२००२। एदाण तिखेत्ताणं सरियाओ मेलिदूण दुगुणकदा। …………………………………………………………….।।२३८२।।३९२०१२। अट्ठासट्ठिसहस्सब्भहियं एवं तरंगिणीलक्खं। देवकुरुम्मि य खेत्ते णादव्वं उत्तरकुरुम्मि।।२३८३।।१६८०००। अट्ठत्तरिसंजुत्ता चोद्दसलक्खाणि…
[[श्रेणी:मध्यलोक_के_जिनमंदिर]] == गन्धमादन गजदंत पर्वत पर ७ कूट == गन्धमादन पर्वत के ऊपर सातकूट स्थित हैं। सिद्ध नामक, गन्धमादन, देवकुरु, गन्धव्यास (गन्धमालिनी), लोहित, स्फटिक और आनन्द, ये उनकूट के सात नाम हैं। इन वूकूट की उँचाई आदिक सौमनसपर्वत के समान ही जानना चाहिये।।२०५७-२०५८।। विशेष यह है कि लोहित कूटपर भोगवती और स्फटिक नामक कूटपर भोगंकृति…
माल्यवान् गजदंत पर नौ कूट हैं माल्यवान् पर्वत के ऊपर नौ कूट स्थित हैं। सिद्ध नामक, माल्यवान्, उत्तरकुरु, कच्छ, सागर, रजत नामक, पूर्णभद्र, सीता और हरिसह, ये इन कूटों के नाम हैं। इनका विस्तार व उँचाई आदिक विद्युत्प्रभपर्वत के कूटों के सदृश समझना चाहिये।।२०६०-२०६१।। विशेषता केवल यह है कि सागर कूट पर भोगवती और रजतकूट…