(चौबीसी नं. ४) जम्बूद्वीप ऐरावत क्षेत्र भूतकालीन तीर्थंकर स्तोत्र शंभु छंद वर जंबूद्वीप प्रथम इसमें, है क्षेत्र सातवां मन मोहे। ऐरावत क्षेत्र उसे जानो, सुरगिरि के उत्तर दिश सोहे।। छहकाल परावर्तन इसमें, चौथे में तीर्थंकर होते। जिनवर अतीत को भक्ती से, वंदन करके हम मल धोते।।१।। चौपाई ‘पंचरूप’ जिनराज महान्, धर्मतीर्थकर सुख की खान। शीश…
चौबीसी नं.१ जम्बूद्वीप भरतक्षेत्र भूतकालीन तीर्थंकर स्तोत्र गीता छंद जंबूद्रुमांकित प्रथम जंबूद्वीप में दक्षिण दिशी। वर भरत क्षेत्र प्रधान तहं षट्कालवर्तें नितप्रती।। जहं भूतकाल चतुर्थ में चौबीस तीर्थंकर भये। मैं भक्ति श्रद्धा भाव से वंदन करूँ हर्षित हिये।।१।। अडिल्ल छंद कर्मनाश निर्वाण महालक्ष्मी वरी। तीर्थंकर ‘निर्वाण’ सौख्य अमृत झरी।। वंदूँ शीश नमाय चित्तहरषाय के। तिरूँ…
(चौबीसी नं. ३) जम्बूद्वीप भरतक्षेत्र भविष्यत्कालीन तीर्थंकर स्तोत्र गीता छंद इस भरत क्षेत्र विषे जिनेश्वर भविष्यत में होएंगे। उनके निकट में भव्य अगणित कर्मपंकिल धोएंगे।। चौबीस तीर्थंकर सतत वे विश्व में मंगल करें। मैं भक्ति से वंदन करूँ मुझ सर्वसंकट परिहरें।।१।। गीता छंद ‘श्री महापद्म’ जिनेन्द्र के, पदपद्म को जो वंदते। जगद्वंद फद निमूल कर,…
हींग करे हाजमे को दुरस्त हींग एक ऐसा ही मसाला हैं जो प्राय: सभी रसोईघर की शान है। हींग पौधे का गाढ़ा रस है जिसे सूखा कर बनाया जाता है। इसके कई उपयोग हैं— १. उल्टी होने पर — हींग को घी में भून लें व अजवाइन के साथ काला नमक व काली मिर्च मिलाकर…
विद्यानंदि-एक प्राचीन आचार्य; जिन्होंने अष्टसहस्री जैसे महान ग्रंथराज की रचना की !