अनंत चतुर्दशी व्रत पूजा
अनन्तचतुर्दशी व्रत की शास्त्रीय विधि कुछ विशेष ही है, जो इस पुस्तक में दी गई है। पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी ने स्वरचित अनन्तचतुर्दशी व्रत पूजा में सर्वप्रथम भगवान अनन्तनाथ स्तोत्र दिया है, पुन: पूजन के अंदर पंचकल्याणक अर्घ्यों के पश्चात् संस्कृत के १४ पद्य सहित अर्घ्य एवं ९६ मंत्र ब्र. हीराचन्द अमोलिक कृत अनन्तव्रत पूजा से दिये हैं।