आहारक समुद्घात मूल शरीर को न छोड़कर तैजस – कार्माणरूप उत्तर देह के साथ साथ जीव प्रदेशों के शरीर से बाहर निकलने को समुद्घात कहते हैं । समुद्घात के सात भेद है – वेदना, कषय, वैक्रियक, मारणांतिक, तैजस, आहारक और केवली । धवला पुस्तक में लिखा है – हस्त प्रमाण सर्वांग सुन्दर, समचतुरस – संस्थान…
आहारक शरीर छठे गुणस्थान वर्ती मुनि के द्वारा सूक्ष्म पदार्थों को जानने के लिए अथवा संयम की रक्षा, तीर्थ वन्दना हेतु, अन्य क्षेत्र में मौजूद केवली या श्रुत केवली के पास भेजने के लिए मुनि के मस्तक से जो एक हाथ का सफेद रंग का पुतला निकलता है उसे आहारक शरीर कहते है । आहारक…
आहारक जो जीव औदारिक , वैक्रियिक और आहारक इन शरीरों में से उदय को प्राप्त हुए किसी एक शरीर के योग्य शरीर वर्गणा को तथा भाषा वर्गणा और मनोवर्गणा को नियम से ग्रहण करता है, वह आहारक कहा गया है । जीव दो प्रकार के होते है – आहारक अनाहारक तीनों शरीरों और छह पर्याप्तियों…
आहार (साधुचर्या) दिगम्बर साधु दिन में एक बार खड़े होकर भिक्षावृत्ति से व पाणिपात्र में आहार लेते हैं । सूर्य के उदय और अस्तकाल की तीन घड़ी छोड़कर वा, मध्यकाल में एक मुहूर्त, दो मुहूर्त, तीन मुहूर्त में एक बार भोजन करना एक भक्त मूल गुण है । पर घर में परकर दिए हुए ऐसे…
आहार त्त्रयाणां शरीराणां षण्णां पर्याप्तीनां योग्यपुदगल ग्रहण माहार: । ’ तीन शरीर और छह पर्याप्तियों के योग्य पुद्गलों के ग्रहण करने को आहार कहते है । उपभोग्य शरीर के योग्य पुद्गलों को ग्रहण आहार कहते है । यह आहार शरीर नाम कर्म के उदय तथा विग्रह गतिनाम के उदय के अभाव से होता है ।…
इस्तरी इस्तरी का अर्थ है प्रेस करना । यह कपड़ो की सिकुड़न मिटाकर उसे पहनने योग्य बनाती है । प्राय: धोबी इस कार्य को करते है वर्तमान में घरो में घरेलू महिलाएं भी अब मंहगाई के कारण स्वयं इसका इस्तेमाल करती है । यह लोहे की धातु से बनी होती है तथा दो प्रकार की…
इसबगोल इसबगोल एक प्रकार की औषधि है । पेट के रोगों को समाप्त करने के लिए इसबगोल का इस्तेमाल किया जाता है । इसकी भूसी आती है । संग्रहणी की बीमारी वालों को मट्टे के साथ इसबगोल देते हैं
इष्टदेव प्रत्येक मनुष्य के आराध्यदेव को इष्टदेव भी कहते है । जैनधर्म में किसी व्यक्ति विशेष को न मानकर ज्ञानावरणादि अष्ट कर्मों को नष्ट कर जिन संज्ञा को प्राप्त करने वाले तीर्थंकर भगवान को नमस्कार किया है । उन्हें इष्ट देव माना है हिन्दू धर्मानुयायी राम, कृष्ण, हनुमान आदि को इष्ट देव मानते हैं ।…