कुटिलता (Kutilta)
कुटिलता (Kutilta) ‘‘मन, वचन, काय की वक्रता’’ मायाचारी,वक्रता का दूसरा नाम कुटिलता है। तत्त्वार्थसूत्र ग्रन्थ में आचार्य उमास्वामी ने कहा है कि – ‘‘मायातैर्यग्योनस्य’’ अर्थात् मायाचारी करने से तिर्यंच आयु का आस्रव होता है । मायाचारी का कोई भी विश्वास नहीं करता है, वह इस भव तथा परभव में भी सदा दुखी रहता है उससे…