तीर्थंकर पंचकल्याणक भूमि की आरती
तीर्थंकर पंचकल्याणक भूमि की आरती तर्ज—पंखिड़ा.............. आरती करूँ मैं सभी तीर्थधाम की। जिनवरों के पंचकल्याण धाम की।।आरती........।।टेक.।। प्रभु की जन्मभूमि वंदना से जन्म सफल हो। प्रभु की त्यागभूमि अर्चना से धन्य जनम हो।। झूम झूम भक्ति करूँ, नृत्य करूँ मैं। आरती प्रभू की करके पुण्य भरूँ मैं।।आरती......।।१।। घाति कर्मनाश प्रभु को दिव्यज्ञान हो जहाँ।...