सिद्धचक्र विधान की आरती
सिद्धचक्र विधान की आरती छम छम छम छम बाजे घुंघरू। सिद्धचक्र पाठ की मैं आरती करूँ।।टेक.। आठ कर्म नाश करके आप सिद्ध बन गये। आठ गुण को प्राप्त करके आत्मा में रम गये।। इसीलिए उन गुणों की आरती करूँ। सिद्धचक्र पाठ की मैं आरती करूँ ।।१।। मैनासुन्दरी ने सिद्धचक्र पाठ था किया। पति का कुष्ट...