अभिनंदननाथ भगवान के शासनदेव की आरती
जैन धर्म के वर्तमानकालीन पांचवें तीर्थंकर भगवन सुमतिनाथ हैं, जिनका जन्म अयोध्या में हुआ | इनके शासन देव का नाम तुम्बरू यक्ष है|
चतुर्विध संघ के अधिनायक आचार्य परमेष्ठी होते हैं, ये छत्तीस मूलगुणोंके धारक होते हैं, संघ के शिष्यों को शिक्षा, दीक्षा और प्रायश्चित्त आदि देते हैं | संघ के सभी शिष्य
मुनि -आर्यिका, क्षुल्लक- क्षुल्लिका आदि इन आचार्य की वंदना करते समय कौन सी भक्तियां पड़ी जाती हैं ये आपको यहां बताया गया है |
निर्वाण अर्थात् मोक्ष | किन महापुरुष ने किस स्थान से मोक्षपद को प्राप्त किया इसका वर्णन निर्वाण भक्ति में किया गया है, उसी निर्वाण भक्ति का पद्यानुवाद गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी के द्वारा किया गया या है जिसे यहाँ प्रस्तुत किया जा रहा है|