निर्वाणकल्याणक गीत
निर्वाणकल्याणक गीत तर्ज-माई रे माई........... ऋषभदेव निर्वाण महोत्सव, मिलकर सभी मनाएँ। आओ इस भारत वसुधा पर, अगणित दीप जलाएँ।। प्रभू की जय जय जय, प्रभू की जय जय जय जय जय। कोड़ा-कोड़ी वर्ष पूर्व तिथि माघ कृष्ण चैदश थी। अष्टापद से मोक्ष पधारे, ऋषभदेव जिनवर जी।। तब स्वर्गों से इन्द्रों ने आ............... तब स्वर्गों से...