पंचकल्याणक वन्दना
पंचकल्याणक वन्दना चाल—हे दीनबन्धु ------- जैवंत मुक्तिकन्त देवदेव हमारे। जैवंत भक्त जन्तु भवोदधि से उबारे।। हे नाथ ! आप जन्म के छह मास ही पहले। धनराज रत्नवृष्टि करें मातु के महले।।१।। माता की सेवा करतीं श्री आदि देवियां। अद्भुत अपूर्व भाव धरें सर्व देवियां।। जब आप मात गर्भ में अवतार धारते। तब इन्द्र सपरिवार आय...