पुण्यायज्ञ क्रिया!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुण्यायज्ञ क्रिया – Punyayajna Kriya. A meritorious act. दिक्षान्वय की ४८ क्रियाओं में से एक क्रिया- साधर्मी पुरुषों के साथ पुण्यवृध्दी के कारणभूत १४ पूर्व विधाओं का सुनना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुण्यायज्ञ क्रिया – Punyayajna Kriya. A meritorious act. दिक्षान्वय की ४८ क्रियाओं में से एक क्रिया- साधर्मी पुरुषों के साथ पुण्यवृध्दी के कारणभूत १४ पूर्व विधाओं का सुनना “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुनिसुव्रत पुराण–Munisuvrat Puran. Name of a treatise written by Brahamchari Krishnadas. ब्र.कृष्णदास (ई. 1624) कृत 3025 श्लोक प्रमाण संस्कृत काव्य”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वादीभसिंह (ओडयदेव )- Vaadibhasingha (Odayadeva). Name of the disciple of Pushpasen. अकलंक देव के गुरु भाई पुष्पसेन से शिष्य (ई.620 – 680) – छत्र चूड़ामणि, गद्य चिंतामणि के रचयिता “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मृगशिरा–Mragshira. Name of a lunar. एक नक्षत्र; इसका अधिपति देवता सोम एवं आकार हिरण के सिर सामान है” भगवान्संभवनाथ का जन्म इसी नक्षत्र में हुआ था”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेलंब –Velainba Name of a summit of Manushottarmountain& its protecting deity. मानुषोत्रर पर्वत का एक कूट व उसका रक्षक एक भवनवासी देव “
फालि द्रवय A part of Karmic aggregates. समुदाय रूप कर्म निषेकों का खण्ड। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुकसम श्रोता – Shukasama shrotaa A kind of listener having less grasping capacity as parrot. तोते के सामान श्रोता अर्थात जो दूसरों के समझाने पर कुछ शब्द मात्र ग्रहण कर पाते हैं ” ये माध्यम श्रोता कहलाते हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेदनाभिभव –Vedanabhibhava A reason of right perception ( by experiencing about the painful results of some wrong doings). सम्यग्दर्शन होने का एक कारण, यह वेदना अमुक मिथ्यात्व व असंयम का फल है इस प्रकार का चिंतन “
त्रयंग नमस्कार A type of bowing, in which both hands are folded with joining them and head is bowed. नमस्कार का एक भेद दोनों हाथ और सिर से नमस्कार करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाचिक – Vaachika.: To pay reverence eulogically (directly or indirectly). उपचार विनय के 3 भेदों में एक भेद ; वचनों अर्थात गुणानुवाद द्वारा प्रत्यक्ष या परोक्ष विनय करना “