भोगंकरा!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भोगंकरा:A female deity of Gajdant summit. गजदन्त कूट की एक देवी का नाम “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भोगंकरा:A female deity of Gajdant summit. गजदन्त कूट की एक देवी का नाम “
गद्यचिंतामणि A book written by Acharya Vadeebh singh. आचार्य वादीभसिंह ओइय देव (ई. ७७०-८६०) द्वारा रचित एक ग्रंथ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राजीमती – जूनागढ के राजा उग्रसेन की पुत्री, जिनका विवाह राजा नेमिनाथ के साथ होने वाला था, किन्तु कारण वष नेमिनाथ के दीक्षा लेते ही राजुल ने भी कौमार्य अवस्था मे ही आर्यिका दीक्षा धारण कर ली। पुन यही नेमिनाथ भगवान के समवषरण में मुख्य आर्यिका बनी। Rajimati- Name of a chief Aryika (ganini)…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्ध निश्चयनय – Shuddha Nishchayanaya. A viewpoint believing the pure soul . शुद्ध आत्मा द्रव्य को ग्रहण करने वाला नय “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीतराग सम्यग्दृष्टि –VitaragaSamyagdrsti. One having right spiritual knowledge. निश्चय सम्यग्दृष्टि, जो वीतराग सम्यग्दर्शन से सहित होते है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लाभ – इच्छित अर्थ की प्राप्ति का नाम लाभ है। Labha-Profit, Gain, Desirable Attainment
गरूड़व्यूह A kind of strategy (reg. army). एक विशिष्ट सैन्य-व्यूह, ऐसी रचना चक्रव्यूह को भंग करने के लिए की जाती है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पूर्ववत् अनुमान – Poorvavat Anumaana. Predetermination of any result according to the previous experience, the senseful inference. स्वार्थानुमान के तीन भेदों में से एक भेद; जिसने अग्नि से निकलते धूम को पहले देखा है , उस व्यक्ति के द्वारा पुनः धूम को देखकर यहाँ अग्नि है ऐसा अनुमान कर लेना पूर्ववत् अनुमान है “
गंगादास Disciple of Dharmachandra Bhattarak. धर्मचंद्र भट्टारक के शिष्य ई.सन् १६९०-१६९३ सम्मेद विलास ,सम्मेदशिखर पूजा, श्रुतस्कंध पूजा आदि के कर्ता । [[श्रेणी:शब्दकोष]]