भावलिंगीमुनि!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावलिंगीमुनि – Bhavalingimuni. A saint with real nature & attributes. अपने मुनिरूप बाहरी चारित्र के अनुसार भावों को रखनेवाला मुनि “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावलिंगीमुनि – Bhavalingimuni. A saint with real nature & attributes. अपने मुनिरूप बाहरी चारित्र के अनुसार भावों को रखनेवाला मुनि “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भद्रकाली – Bhadrakali. A type of super power. १६ निकाय विधाओं में विधाधर की एक विधा “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भग्नावशेष – Bhagnavasesa. Ruins, broken remains. टूटे हुए अवशेष “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मिश्र पूजा–Mishra Puja. To worship Lord ’Jina’, preceptors and ‘Books’ (scriptures). द्रव्य पूजा का एक भेद; प्रत्यक्ष उपस्थित जिनेन्द्र भगवान् और गुरु एवं कागज आदि पर लिपिबद्ध शास्त्र की पूजा करना”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नोकर्म तद्व्यतिरिक्त – Nokarma Tadvyatirikta. External causes for the state of any particular karmas. निक्षेप- किसी कर्म की अवस्था के लिये जो बाहरी कारण हो जैसे, क्षयोपशम रूप मतिज्ञान के लिए पुस्तक अभ्यास आदि “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वट्टकेर –Vattakera: Another name of kund-kund Acharya,who wrote Moolachar Granth (a treatise). आचार्य कुन्दकुन्द का अपरनाम जिन्होंने मूलाचार ग्रन्थ की रचना की “समय –ई .स .127 -179 “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नैसर्गिक गुण – Naisargika Guna. Internal qualities. स्वाभाविक, अन्तर्जात गुण “
[[श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष ]] == गुरु—विराधना : == यस्य गुरौ न भक्ति:, न च बहुमान: न गौरवं न भयम्। नापि लज्जा नापि स्नेह:, गुरुकुलवासेन किं तस्य ? —समणसुत्त : २९ जिसमें गुरु के प्रति न भक्ति है, न बहुमान है, न गौरव है, न भय (अनुशासन) है, न लज्जा है तथा न स्नेह है, उसका…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शीलकथा – Sheelakathaa. Name of religious story written by poet Bharamal. कवि भारमल (ई. 1756) रचित हिंदी भाषाबद्ध कथा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नैगमाभास – Naigaamabhaasa. False figurative standpoint. मिथ्या नैगम नय “