दुर्गम!
दुर्गम Inaccessible. जहां पहुंचना कठिन हो। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
गौतम A subcaste of Brahmins (the first chief disciple (Gandhar) of Lord Mahavira was of the same subcaste), One of the stars. ब्राह्मणों का के गोत्र (भगवन महावीर के प्रथम गणधर ‘इन्द्रभूति’ का गोत्र भी गौतम था, इसीलिए वे ‘गौतम गणधर’ के नाम से प्रसिद्ध हुए), सप्तर्षि तारमंडल में से एक ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंदर (नाम) : Name of kings of Kuru & Vanar dynasties, A city situated in the north of Vijayrdha mountain, The other name of Sumeru mountain, The mountain situated in the east Pushkararddh island, Name of the chief disciple of Lord Vimalnath. कुरुवंश, वानरवंश के राजाओं का नाम, विजयार्ध की उत्तर श्रेणी का…
चोरी- बिना दी हुई वस्तु का लेना चोरी स्तेयहै। इस कथन का अभिप्राय है कि बाह्य वस्तु ली जाय या न ली जाय किंतु जहाँ संक्लेशरूप परिणाम के साथ प्रवृति होती है, वहाँ चोरी का दोष लगता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विजिगीषु कथा – Vijigiishu Kathaa. Interpretation between 2 parties with arguments in the form of debate. शास्त्रार्थ ,वाद,वादी और प्रतिवादी में अपने पक्ष को स्थापित करने के लिए जीत-हार होने तक जो परस्पर में वचन प्रवृत्ति या चर्चा होती है वह विजिगीषु कथा है “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंडलीक A high rank of kings, an emperor ruling over 4000 kings. 4000 मुकुटबद्ध राजाओं का स्वामी मंडलीक कहलाता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनरंगलाल- Manarangalala. Name of a writer who wrote Namichandraka, specially 24, worshipping composition of 24 Jaina Lords and many other books. पंडित ; नमिचंद्रका, सप्तव्यसनचरित्र आदि के रचियता ” इनके द्वारा रचित 24 तीर्थंकरों की 24 पूजाएं अत्यंत प्रसिद्द हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्धात्मसंवित्ति – Shuddhaatmasanvitti. Perception of right knowledge, A synonym word for Mokshmarg (path of salvation). आत्मज्ञान होना, मोक्षमार्ग या निर्विकल्प समादी का अपरनाम “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंगल गोचर प्रत्याखयान :An activity of auspicious exposition (performed by a saint after taking food). जैन साधु द्वारा की जाने वाली एक क्रिया ‘मंगलगोचर के पश्चात अगले दिन अर्थात चतुर्दशी (वर्षायोग स्थापना एवं निष्ठापन दिवस) के लिए एक विशेष भक्ति पाठ पूर्वक गुरु से उपवास ग्रहण करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाववेद – Bhavaveda. Psychic libido. वेद नोकषाय के उदय से मैथुन भाव होना, इसके ३ भेद हैं “