यशोभद्र!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] यशोभद्र – श्रुतकेवली भद्रबाहु द्वि के गुरू जो आचारांग के गुरू थे। समय ई पू 53 – 35 Yoshobhadra and another name of Acharya Bhadrabahu (II)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] यशोभद्र – श्रुतकेवली भद्रबाहु द्वि के गुरू जो आचारांग के गुरू थे। समय ई पू 53 – 35 Yoshobhadra and another name of Acharya Bhadrabahu (II)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वरान्गचरिउ – Varaangachariu: Name of an Apbhransh (an ancient language) treatise. कवि तेजपाल कृत अपभ्रंश ग्रन्थ ” समय –ई.स . -1450 “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैश्वानर –Vaisvanara Name of the 4th Rudra, Name of a king of Kurudynasty, A type of Vidyadhar dynasty. चौथा रूद्र अपरनाम विशालनयन था, कुरुवंशी एक राजा, विघाधरों की एक जाति “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] यशोधर – भूतकालीत 19 वें तीर्थकर, मध्यम ग्रैवेयक का एक इन्द्रक विमान, मानुशोत्तर पर्वत के सौगन्धिक कूट का एक देव, एक राजा जिन्होने आटे के मुर्गे की बलि करके कई भवों तक दुर्गति के दुख उठाये। देखें – यषोधर चरित, आटे का मुर्गा आदि पुस्तकें। Yasodhara-Name of the 19th Tirthankar (Jaina-Lord) in the past…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वनस्पति (काय) – Vanspati (Kaaya): Vegetation (one-sensed beings),Vegetable bodied. वनस्पति एकेन्द्रिय जीव के द्वारा छोड़ा गया शरीर “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुकुटबद्ध राजा–Mukutbaddh. A crowned king. मुकुटधारी राजा”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रात्रि – रात – सूर्यास्त से लेकर सूर्यांेदय तक का समय। Ratri-Night time(hours)
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूर्ख श्रोता–Muurkh Shrota. Stupid listener. See – Muudh Shrota. श्रोता केक प्रकार” देखे– मूढ़ श्रोता”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नोकेवल – Nokevala. Nine kinds of destructional volitions. क्षायिक भाव; केवलदर्शन, केवलज्ञान, क्षायिकदान, लाभ, भोग, उपभोग, वीर्य, क्षायिक सम्यक्त्व-चारित्र “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रोहितास्या नदी – 14 महानदियों में चैथी नदी,, ये हिमवान पर्वत के सरोवर से निकलकर हैमवत क्षेत्र में बहकर पष्चिम समुद्र में गयी है। Rohitasya nadi-Name of the fourth great river among 14