स्नान!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्नान – Snaana. To take bath (it is restricted for Jaina Saints as a basic restraint).शरीर की शुद्वि के लिए जल से नहाया। साधुओ का अस्नान नामक मूलगुण होता है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्नान – Snaana. To take bath (it is restricted for Jaina Saints as a basic restraint).शरीर की शुद्वि के लिए जल से नहाया। साधुओ का अस्नान नामक मूलगुण होता है।
दूरास्वादित्व ऋद्धि Super distantial attainment of taste. जिस ऋद्धि के प्रभाव से साधु को रसना इन्द्रिय के उत्कृष्ट विषय क्षेत्र से भी संख्यात योजन दूर स्थित खटटे, मीठे आदि अनेक प्रकार के रसों का स्वाद लेने की सामथ्र्य प्राप्त होती है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मचर्य आश्रम – Brahmacarya Asrama. Life span of celibacy. चार आश्रमों में एक आश्रम; बाल्यावस्था से युवा होने तक ब्रह्मचर्य पालते हुए विधा का अभ्यास करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थूल – Sthuula. State of grossness.मोटा, बड़ा स्कंध के 6 भेदो मे प्रथम भेद जो छेदन भेदन करने पर स्वंय जुड़ जाते है ऐसे धी, तेल, पानी आदि स्थूल स्कंध कहलाते है।
दूर श्रवणत्व ऋद्धि A super distantial power of hearing. बुद्धि ऋद्धि का एक प्रकार जिस ऋद्धि के प्रभाव से साधु को श्रोत इन्द्रिय के उत्कृष्ट विषय क्षेत्र से भी संख्यात योजन दूर स्थित ध्वनि या शब्दों को सुनने की सामथ्र्य प्राप्त होती है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == विषयासक्त : == अंधादयं महानन्धो विषयान्धीकृतेक्षण:। —आत्मानुशासन : ३५ विषयांध व्यक्ति अंधों में सबसे बड़ा अंधा है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थिति तप – Sthiti Tapa. A type of austerity.कायक्लेश तप का एक भेद।
छंदशास्त्र Prosody-the science of versification, many books written by Jainacharyas. काव्यानुशासन , व्यख्यालंकार , पिंगल आदि अनेक आचार्यों एवं पंडितों द्वारा रचित ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थापना -Sthaapanaa. Installation, establishment, positioning.धारण, स्थापना, कोष्ठा, प्रतिष्ठा एकार्थवाची है। जिसके द्वारा निर्णीत रुप से अर्थ स्थापित किया जाता है। वह स्थापना है।
दुःखरूप Irksome, Troublesome, Distressing. हिंसादि पाप दुःख के कारण होने से दुखरूप कहलाते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]