प्रत्येक भंग!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्येक भंग- जहां अलग-अलग भाव हो वह प्रत्येक भंग है। pratyeka bhamga – each part, different feelings.
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्येक भंग- जहां अलग-अलग भाव हो वह प्रत्येक भंग है। pratyeka bhamga – each part, different feelings.
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लता – 84 लाख लतांग प्रमाण काल धातिया कर्म की अनुभाग षक्ति का एक उदाहरण। Lata- A large unit of time
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्येक पद- जो भ्ज्ञाव एक जीव के एक काल में यगपत संभव हो ऐसे भाव प्रत्येक पद कहलाते है। pratyeka pada – feelings simultaneously existing of one in a praticular time period
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्माद्वैत – Brahmadvaita. Name of a doctrine (related to monotheism). एक अद्वैतवाद मत ” ब्रम्ह को ही पारमार्थिक सत् मानने वाला “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमदा- प्रमाद की बहुलवा से स्त्रियों को प्रमदा कहते हैं, समवषरण की नाट्यषाला। Pramada- Lustful women, Name of a stage of drama in Samavasharan- assembly of Lord
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नत्रय – सम्यग्दर्षन, सम्यग्ज्ञान, सम्यग्चरित्र इन तीनो गुणो को रत्नत्रय कहते है। इनकी एकता मोक्षमार्ग है। Ratnatraya-Three spiritual jewels Right faith right knowledge right conduct
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रभावना- सम्यग्दर्षन ज्ञान चारित्र रुप रत्नत्रय के प्रभाव से आत्मा को प्रकाषमान करना। ज्ञान,ध्यान, तप, दया, दान, जिन पूजा आदि के द्वारा जिनधर्म की महिमा को प्रकाषित करना। Prabhavana – Glorification, Promotion (influencing pertaining to religion)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] याचना – मांगना, निवेदन करना। Yacana-Entreaty, begging, petition, To refrain from begging even in need
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहस्रनाम विधान – Sahasranaama Vidhanaa. A composition of worshipping hymn composed by Ganini Aryika Shri Gyanmati Mataji. श्री जिनसेनाचार्य द्वारा रचित सहस्रनाम स्तोत्र के आधर पर गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी द्वारा सन 1954 में रचे गये 1008 मंत्रों के अर्थ को छन्दों में निबद्ध करके रचित 1008 अध्र्यो वाला विधान ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहभोजन – Sahabhojana. Taking food togetherly. एक साथ भोजन करना ।