संघात (नामकर्म)!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संघात (नामकर्म) – Sanghaata (Naamakarma). Physique making Karmic nature causing association of body molecules. जिसके उदय से औदारिक आदि 5 शरीर योग्य परमाणु परस्पर छिद्र रहित मिल जावें “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संघात (नामकर्म) – Sanghaata (Naamakarma). Physique making Karmic nature causing association of body molecules. जिसके उदय से औदारिक आदि 5 शरीर योग्य परमाणु परस्पर छिद्र रहित मिल जावें “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बादर नामकर्म प्रकृति- जिस कर्म के उदय से जीव बादर कार्य में उत्पन्न होता है। Badara Nama Karma Prakrti- A physique making Karma causing gross body
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्कार पुरस्कार परीषह – Satkaara Puraskaara Parishaha. Affliction of dishonour to a saint. 22 परिषहों में एक परिषह ” सत्कार का अर्थ पूजा-प्रशंसा है तथा पुरूस्कार का अर्थ निमंत्रण है ” चिरकाल से दीक्षित होते हुए भी आदर-सत्कार, प्रशंसा, आमंत्रण आदि न मिलने पर जो साधू मन को कलुषित नहीं होने देता और समतापूर्वक…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रकाम्य ऋद्धि- जिस ऋद्धि के प्रभाव से साधु जल के समान पृथ्वी पर और पृथ्वी के समान जल पर गमन करने में समर्थ होते है। Prakamya Rddhi- A type of super natural power (related to special walking on the surface of earth & water)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संख्याधिकार – Sankhyaadhikaara. One of the 8 Anuyogadvars (disquisition doors). 8 अनुयोगद्वारों में एक अनुयोगद्वार ” जीव किस-किस गुणस्थान व मार्गणा स्थान आदि में कितने-कितने हैं इसका निरूपण इस अधिकार में किया जाता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बाणा- भारतक्षेत्र में स्थित आर्यखण्ड की एक नदी। Bana- A river of bharat khsetra Arya khand (region)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रविप्रभ – प्रथम स्वर्ग का एक विमान। Raviprabha-name of a heavenly abode of 1st heaven
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बहुशिलापटता- रत्नप्रभा पृथिवी के खरभाग का अंतिम पटल। Bahusilapatala- Name of a patal (layer) of Ratnaprabha earth