सहज दुःख!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहज दुःख – Sahaja Dukha. Natural trouble or pain. स्वाभाविक क्षुदाधि से उत्पन्न होने वाला दुःख ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहज दुःख – Sahaja Dukha. Natural trouble or pain. स्वाभाविक क्षुदाधि से उत्पन्न होने वाला दुःख ।
जघन्य अनुभाग A division of Anubhag Bandhi; the lowest (minimum) power (energy of karmas) of matter (related to wrong faithed one). अनुभाग बंध के १४ भेदों में एक भेद ; सातवें नरक में प्रथामोपशम सम्यक्त्व के सम्मुक हुआ मिथ्यादृष्टि जीव मिथ्यात्व गुणस्थान के अंत समय में जघन्य नीच गोत्र का अनुभाग बंध करता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विरताविरत – Viratavirata. Those who have abandoned five partiaular sains partially (pertaining to partially restrained Jaina followers). देशसंयत या संयतासंयत ” हिंसा आदि ५ पापों का स्थूल रूप से त्याग करने वाले पंचम गुनस्थानवर्ती अनुवर्ती श्रावक “
जम्भाई Yawn (to stop yawning is a physical mortification). उबासी,अयनादि कायक्लेश का एक भेद ; जम्भाई , छींक आदि को रोकना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तत्वकथा A sacred legend which inspires to move on the path of deliverance. मोक्षमार्ग में प्रेरित करने वाली कथा, अपरनाम धर्मकथा ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभाव द्रव्य पर्याय – Vibhava Dravya Paryaya. Physical existence contrary to real nature. पर द्रव्य के निमित्त से जो प्रदेशत्व गुणों में विकार हो ” जैसे – जीव की नर – नारकादि पर्याय तथा स्कंध रूप पर्याय, पुद्ग्ल द्रव्य की विभाव द्रव्य पर्याय है “
जगत्श्रेणी Length of universe, unit of 7 Rajus. ७ राजू प्रमाण लोकपंक्ति, एक प्रदेश चौड़े और ७ राजू लम्बे आकाश प्रदेशों की पंक्ति को जगत्श्रेणी कहते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य चिह्न – Bahya Cinha. External symbolic significances (reg. laugh,love , peace etc.). वस्तु की पहचान कराने वाले बाहरी चिन्ह जैसे – प्रसत्रचित रहना, धर्म से प्रेम करना, शुभ उपयोग रखना आदि धर्मध्यान के बाह्य चिह्न कहलाते है “
तत्वत्रयप्रकाशिका A commentary book in Sanskrit written by Bhattarak Shrutsagar. भट्टारक श्रुतसागर (ई. 1487.1499) कृत एक संस्कृत टीका (ज्ञानावर्णव ग्रंथ के गद्य भाग पर)। [[श्रेणी:शब्दकोष]]