सर्वगतत्त्व!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वगतत्त्व – Sarvagatatva. State of omnipresence, Pervasion. सर्वज्ञत्वपना ” सर्वव्यापी
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वगतत्त्व – Sarvagatatva. State of omnipresence, Pervasion. सर्वज्ञत्वपना ” सर्वव्यापी
तीर्णकर्ण A country of Bharat kshetra in the northern Arya khand (region). भरतक्षेत्र के उत्तर आर्यखण्ड का एक देश। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चित्सुखी Name of a Vedant treatise written by वेदान्त स्दाहित्य प्रवर्तक चित्सुखाचार्य (ई.१२५०) द्वारा रचित एक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सराग संयम – Saraaga Sanyama. Self control with slight attachment (reg. Jaina-saints). सातावेदनीय कर्म एवं देवायु के आस्त्रव का एक कारणः राग सहित मुनियो का चारित्र। यह छठे से दसवें गुणस्थान तक होता है। इसे क्षायोपशमिक चारित्र कहते है। जहाॅ संज्वलन कषाय व नोकषाय का यथासंभव उदय होता है।
तिर्यक् सामान्य General property. अनेक द्रव्यों में अथवा अनेक पर्यायों में जो सादृष्यता का बोध कराने वाला सदृष्य परिणाम होता है।, वह तिर्यक् सामान्य है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चित्र A picture, A painting, Sketch, Name of a Jain temple in Nandan forest of Meru mountain and an another mountain. चित्तशक्ति या अनुभव का नाम चित्त है , वह चित्त ही जिसका त्राण या रक्षण है , उसे चित्र कहते हैं मेरू के नंदनवन में एक जिनमन्दिर का नाम , सीता के पूर्व तट…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्यग्मिथ्यादृष्टि – Samyagmithyaadristi. One with right & wrong faith. जो जीव सम्यग्मिथ्यात्व सहित हो।
तिगिंछ Name of a pond situated at Nishadh mountain. निषध पर्वत पर स्थित एक हृद। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्ष सन्निकर्ष विधान – Sparssana Sannikarsa Vidhaana. A type of Anuyogdwar (disquisition door).देखे- स्पर्ष अंतर विधान।