रत्नसंचय!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नसंचय – विजयार्घ की दक्षिण श्रेणी एवं पष्चिम विदेह क्षंेत्र के नगर का नाम Ratnasancaya- Name of a city situated in Southern Vijayardh Mountain & city of western videh region
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नसंचय – विजयार्घ की दक्षिण श्रेणी एवं पष्चिम विदेह क्षंेत्र के नगर का नाम Ratnasancaya- Name of a city situated in Southern Vijayardh Mountain & city of western videh region
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतर – Pratara. Area or (particular unit)2. एक-एक आकाश प्रदेशात्मक पंक्ति के वर्ग को प्रतर कहते है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुष्पदंत (कवि) – Puspadamta (Kavi). A poet who wrote Yashodhar Charitra & Nagkumar Charitra etc. books. एक कवि जिन्होंने यशोधर चरित्र व् नागकुमार चरित्र आदि ग्रंथों की रचना की “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नप्रभा – अघोलोक की प्रथम भूमि,रूढि का नाम घम्मा है। यह एक लाख 80 हजार योजन मोटी हैं। इसके तीन भाग है – खर भाग, पंक भाग अब्बहुल भाग। इसमे खर भाग पंक भाग में भवनवासी और व्यंतर देवो के भवन है। आंैर तीसरे भाग अब्बहुल में नारकियों के भवन है। Ratnaprabha- Name of…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुष्करद्वीप – Puskaradvipa. Name of the 3rd island of middle universe. मध्यलोक का तृतीय द्वीप- जो की कालोदधि समुद्र को घेरकर १६,००००० योजन के विस्तार से युक्त है. अपरनाम- पुष्करद्वीप. इसके मध्य में चूड़ी के आकार का मानुषोत्तर पर्वत होने से यह दो भागो में विभक्त है, जिन्हें पुष्करार्ध्द कहते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नसंश्रवा – सुमाली का पुत्र तथा रावण का पिता। Ratnasrava- Father’s name of ravan
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुरुदेव – Purudeva. Another name of Lord Adinath, A type of Kimpurusha peripatetic deities. आदिनाथ भगवान का अपरनाम, किंपुरुष व्यंतर देव का एक भेद “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लघुमासिक प्रायष्चित – एक प्रकार की प्रायष्चित विधि। Laghumasika Prayascitta-A kind of repentance
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुराण – Purana. A class of voluminous work in Sanskrit dealing with the lives of 63 ancient great personalities. ६३ शलाका पुरुषों के जीवन- चरित्र पर आधारित शास्त्रों को पुराण कहते हैं. जैसे- आदिपुराण, पद्मपुराण आदि “