पंचेन्द्रिय जाति नाम कर्म!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचेन्द्रिय जाति नाम कर्म – Panchendriya Jaati Naama karma. A karmic nature causing five sensed beings. जिस नाम कर्म के उदय जीव पंचेन्द्रिय होता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचेन्द्रिय जाति नाम कर्म – Panchendriya Jaati Naama karma. A karmic nature causing five sensed beings. जिस नाम कर्म के उदय जीव पंचेन्द्रिय होता है “
देशप्रत्यक्ष Partial direct acquirement of knowledge. एकदेश प्रत्यक्ष ज्ञान, जैसे अवधिज्ञान, मनः पर्ययज्ञान।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मेघमालिनी–Meghamalini. A ruling female divinity of Himkut (a summit) of Nandan forest. नन्दनवन के हिमकूट की स्वामिनी दिक्कुमारी देवी”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सदवस्था रूप उपशम – Sadavasthaa Roopa Upshama. Karmas to be matured in future. वर्तमान काल को छोड़कर आगामी काल में उदय में आने वाले कर्मों का सत्ता में रहना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाणिज्य कर्मार्य – Vaanijya Karmaarya.: Those having livelihood by trade of grains, gold etc. सावद्य कर्मार्य के 6 भेदों में एक 1 भेद ;जो अन्न ,वस्त्र ,सोना ,चांदी आदि के द्वारा आजीविका करते हैं “
एकत्वप्रत्यभिज्ञान Unitary recognition. स्मृति और प्रत्यक्ष के विशयभूत पदार्थ में एकता दिखाते हुए जोड़रूप ज्ञान ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाचा उपकरण विवेक – Vaachaa Upakarana Vivek. Discrimination related to right speech. विवेक का एक भेद ,मैने इन ज्ञानोपकरणादि का त्याग किया ऐसा वचन बोलना “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यतिवृषभ–Yativrashabh. Name of a great Digambar Acharya who wrote many books like ‘Tiloy Pannati’ etc. कषाय प्राभ्रत के चूर्णसूत्र, तिलोय पण्णत्ति आदि के रचयिता एक आचार्य, ये आर्यमंक्षु व नागहस्ति के शिष्य (ई. 143–173) थे”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचशिख – Panchashikha. Name of a sage, disciple of Asuri, A trumpt. आसुरि के शिष्य (ई.श.1) जिन्होनें सांख्य प्रवचन सूत्र एवं तत्व समास का बहुत विस्तार किया, दुंदुभी या तुरही “