इंद्रिय!
इंद्रिय Organs of sense. जो सूक्ष्म आत्मा के अस्तित्व का ज्ञान कराने में सहायक हो। इन्द्रिय के पाँच भेद हैं-स्पर्शन घ्रान चक्षु और कर्ण।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
इंद्रिय Organs of sense. जो सूक्ष्म आत्मा के अस्तित्व का ज्ञान कराने में सहायक हो। इन्द्रिय के पाँच भेद हैं-स्पर्शन घ्रान चक्षु और कर्ण।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आप्तोपज्ञ Auspicious preachings of Lord-Arihant. सच्चे देव-आप्त का कहा हुआ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
इंद्र त्याग (क्रिया) An auspicious and sacred act (reg. peaceful renouncement of all heavenly splendours by Indra for holy death). गर्भान्वयादि क्रियाओं में से एक क्रिया इन्द्र द्वारा आयु के अन्त में शांतिपूर्वक समस्त वैभव का त्याग कर तथा देवों को उपदेश देकर देवलोक से च्युत होना। यह इन्द्रपद त्याग क्रिया है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आवरण Covering, Protection, Shield. जिसके द्वारा आवृत किया जाता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीदत्त – Shreedatta. Name of a great Acharya of the basic lineage of Lord Mahavira, Name of another Acharya-the writer of ‘Jalp Nirnay Granth’. भगवान महावीर की मूल परम्परा में लोहाचार्य के बाद हुए एक अंगधारी आचार्य (समय ई. 38-58)” एक प्रसिद्ध तार्किक दिगम्बराचार्य, जल्प निर्णय ग्रन्थ के रचयिता (समय-ई. श. 4 का उतरार्ध)…
उद्धेलन Perturbation, Perplexity, Something related to Karmic nature. बंधी हुई प्रकृति को परिणामों की विशेषता से अन्य प्रकृति रूप परिणमण कर नष्ट कर देना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रावक सूत्र – Shraavaka Sootra. A sacred thread possesed by lay followers. यज्ञोपवीत; यह तीन धागे का होता है जो रत्नत्रय का प्रतीक होता है ” अष्टमूलगुणधारी श्रावकों के द्वारा यह विवाह के बाद छह धागों का धारण किया जाता है “