ध्रुवग्राही!
ध्रुवग्राही One who is constantly involved in grasping of knowledge. जो सतत ज्ञान प्राप्त करने में प्रयत्नशील है।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
ध्रुवग्राही One who is constantly involved in grasping of knowledge. जो सतत ज्ञान प्राप्त करने में प्रयत्नशील है।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
एकांत स्थान Absolute place, Secluded place. जहाँ किसी का आना जाना न हो ऐसा शून्य स्थान।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
ध्याता A meditator. धर्म व शुक्लध्यानों को ध्याने वाले योगी को ध्याता कहते हैं अर्थात् ध्यान करने वाला मुनि। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
एक हजार आठ A number – 1008 (characteristics of Tirthankar – Jaina Lord. तीर्थंकर भगवान के 1008 लक्षण होते हैं। सहस्रनाम स्तोत्र में भवान के 1008 नाम हैं। सहस्रनाम विधान में 1008 अध्य्र हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
धृतिक्रिया An auspicious activity (worshipping the Lord for the well growth of the child in womb). गर्भान्वय की 53 क्रियाओं में से चैथी क्रिया; गर्भाधान के सांतवे महीने में गर्भ की वृद्धि के लिए पूजा पाठ एंव गर्भ के बालक को आशीर्वाद देना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मिश्रशरीर काल–Mishra Shareer Kaal. Duration of growth time period of complete body formation. आहार ग्रहण से शरीर पर्याप्ति तक का काल”
धूमकेतु Name of a planet (comet), Name of a demon. ज्योतिषी के 88 ग्रहों में 25 वां ग्रह , कुअवधिज्ञानी एक असुर , जिसका विमान रूक्मिणी के महल पर रूक गया था। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मृगारिदमन–Mragaridaman. A king of Rakshas dynasty. रक्षास्वंश का एक विघाधर राजा”
धारणावरणी कर्म Karmas obscuring the retentive power of knowledge. एक प्रकार का कर्म जो धारणा शक्ति पर आवरण डालता है तथा इसके तीव्र क्षयोपशम से कोष्ठबुद्धिनामक ऋद्धि भी प्रकट होती है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == वाणी : == पुव्विं बुद्धीए पासेत्ता, तत्तो वक्कमुदाहरे। अचक्खुओ व नेयारं, बुद्धिमन्नेसाए गिरा।। —व्यवहारभाष्य पीठिका : ७६ पहले बुद्धि से परखकर फिर बोलना चाहिए। अंधा व्यक्ति जिस प्रकार पथ—प्रदर्शक की अपेक्षा रखता है, उसी प्रकार वाणी बुद्धि की अपेक्षा रखती है।