शैक्ष!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शैक्ष – Shaisha. New disciple-saint under the process of learning. नवीन दीक्षित मुनि जो श्रुत का अभ्यास करते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शैक्ष – Shaisha. New disciple-saint under the process of learning. नवीन दीक्षित मुनि जो श्रुत का अभ्यास करते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थौल्य – Sthaulya. Grossness, bulkinessस्थूल का भाव या कर्म स्थौल्य है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लक्षणाभास – मिथ्या अर्थात सदोश लक्षण। Laksanabhasa-faulty characteristics (A fallacy)
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीर्य –Virya Vitality, Potency, Spiritual power, शक्ति, गुण, आत्मा का बल जिसको विर्यातराय कर्म ढकता हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थिर आसन – Sthira AAsana. A stable posture of deep meditation.ध्याता का एक लक्षण। शरीर व ध्याय योग्य आसन की स्थिरता। या चंचलता रहित आसन।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] युगादि पुरूश – कुलकर, युग के आदि में होने से इन्हेही युगादि पुरूश कहते है ये मुख्यत 14 होते है। Yugadi Purusa-The great personalities (Kulkars) in the beginning of the era
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संज्वलन – Sanjvalana. A passion, which disturbs perfect conduct. एक कषाय; जो यथाख्यात चारित्र का घात करती है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थिति कांडक धात – Sthiti Kamdaka Ghaata. A type of destruction of karmic states.विवक्षित स्थिति समूह का धात करना स्थिति काण्डकधात है। यह एक अन्तर्मुहूर्त मे निष्पन्न होता है।
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == लोभी : == सुवर्णरूप्यस्स च पर्वता भवेयु:, स्यात् खलु कैलाससमा असंख्यका:। नरस्य लुब्धस्य न तै: किंचित्, इच्छा खलु आकाशसमा अनन्तिका।। —समणसुत्त : ९८ कदाचित् सोने और चाँदी के कैलास के समान असंख्य पर्वत हो जाएं, तो भी लोभी पुरुष को उनसे तृप्ति नहीं होती, क्योंकि इच्छा आकाश के…