बलदत्त!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बलदत्त- सुपाश्र्वनाथ भगवान के मुख्य गणधर का ना (अपरनाम- बल, बलित्त, बलि)। Baladatta- name of chief disciples of lord suparshavnath
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बलदत्त- सुपाश्र्वनाथ भगवान के मुख्य गणधर का ना (अपरनाम- बल, बलित्त, बलि)। Baladatta- name of chief disciples of lord suparshavnath
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सकल प्रत्यक्ष – Sakala Pratyaksha. The supreme knowledge or omniscience. पारमार्थिक प्रत्यक्ष के दो भेदों में एक भेद; केवलज्ञान सकल प्रत्यक्ष है क्योकिं वह त्रिकाल विषयक समस्त पदार्थों को विषय करने वाला है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बानर- भरत चक्रवर्ती के 1 स्वप्नों में एक स्वप्न; हाथी के ऊपर बैठे बनर जिसका फल है क्षत्रिय वंश नष्ट हो जायेगा और शूद्र लोग राज्य करेंगे। Banara- a monkey, An ape (an illustration of one of the 16 dreams Bharat Chakravarti
कामदेव- चैबीस तीर्थंकरो के समयो में अनुपम आकृति के धारक वे बाहुबलि प्रमुख 24 कामदेव होते है। इनकी उत्पत्ति चतुर्थ काल (दुषमा-सुषमा) काल में दी होती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संघातन कृति – Sanghaatana Kriti. Assimilation of molecules of body. पांचो शरीरों में से विवक्षित शरीर के परमाणुओं का निर्जरा के बिना जो संचय होता है उसे संघातन कृति कहते है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बाधारहित- सुख; दु:ख तकलीफ आदि का न होना। रुकावअ से रहित होना। Badharahita- Obstacle free, free from hinderences
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भूतवन – Bhutavana. Name of a forest whers Shreepal announced himself to be Chakravarti (emperor). एक वन, जहाँ श्रीपाल ने ७ शिलाखण्डों को एक के ऊपर एक रखकर स्वयं चक्रवर्ती होने की सूचना दी थी “
अयोग A time unit. आत्मा के प्रदेशों का सकंप न होना-कर्म-नोकर्म आकर्षण के लिए जीव कीय ओग्य शक्ति का न चलना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
दिगंतर गति Unnatural movement of soul. जीव की विभाव गति अर्थात् कर्म वश नीचे, तिरछे, और ऊपर गति करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]