चतुर्विंशतिसंधान काव्य!
चतुर्विंशतिसंधान काव्य A book written by Pandit Jagannath. ई. सन् १६४२ में पं . जगत्राथ द्वारा रचित एक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चतुर्विंशतिसंधान काव्य A book written by Pandit Jagannath. ई. सन् १६४२ में पं . जगत्राथ द्वारा रचित एक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्त्रीमुक्ति – Strimukti. Salvation of female jaina saints (which is not possible according to Digambar Jaina philosophy).स्त्री मुक्ति का आगम मे निषेध है। पुरुष, स्त्री एंव नपुंसक तीनो ही भाव लिंगो से मोक्ष सम्भव है लेकिन द्रव्य से केवल पुरुषवेद से ही मोक्ष होता है।
चतुर्मास Particular four months of rainy season (staying time of Jain-saints at a place with some restrictions). वर्षाऋतु के ४ मॉस, वर्षायोग , आशाढ सुदी १४ सेर कार्तिक वादी चतुर्दशी की पिच्छली रात्रि में(अर्थात् साढ़े तीन मॉस में) वर्षायोग समापन क्रिया की जाती है फिर भी व्यव्जहार में कार्तिक सुदी १४ तक साधु प्रायः एकल…
[[श्रेणी: शब्दकोष]] स्वभाव गति – Svabhaava Gati. Movement of salvated soul. उध्र्वगति जीव की स्वभाव गति है।
चिंतामणि Wish-fulfilling gem, Name of an Acharya. चिंतित वस्तु को प्रदान करने वाला एक रत्न . मूलसंघ के विभाजन के बाद वादिराज समानता भद्र की शाखा में हुए एक आचार्य ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चक्रधर्मा A king of Vidyadhar dynasty. विद्याधर वंश का एक राजा ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उत्कृष्ट क्षायिकलब्धि Achievement of omniscience by destruction of karmas. केवलज्ञान की प्राप्ति जिसमें उत्कृष्ट संख्या अविभाग प्रतिच्छेदों की होती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संचालन – Sanchaalana. Conduction, Directing, Managing. जिन जिव प्रदेशों का चलन भ्रमण होता हैं “
उडुपालन A king of Vidyadhar dynasty. एक विद्याधर राजा जो पुत्र को राज्य सौंपकर दीक्षित हो गया था।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शूद्रवर्ण – Shudravarna. See- Shudra Varna. देखें शूद्रवंश ” शिल्प आदि से सम्बन्ध रखने वाला वर्ण “