सुमंगला!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुमंगला – Sumamngalaa. Mother’s name of Lord Sumatinath & the 2nd Chakravarti sagar. तीर्थकर सुमतिनाथ की माता जो अयोध्या के राजा मेघप्रभ की रानी थी , दूसरे चक्रवर्ती सगर की जननी ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुमंगला – Sumamngalaa. Mother’s name of Lord Sumatinath & the 2nd Chakravarti sagar. तीर्थकर सुमतिनाथ की माता जो अयोध्या के राजा मेघप्रभ की रानी थी , दूसरे चक्रवर्ती सगर की जननी ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पार – Para. End, limit. किनारा- जिनेन्द्र भगवान की भक्ति भव सागर से पार लगाती है “
तपकल्याणक The 3rd auspicious event of Tirthankars’ (Jaina Lord) lives (related to austerity). कल्याणक के पंच कल्याणकों में तृतरीय दीक्षा कल्याणक । इस कल्याण्वशसेष रूप से लौकांतिक देव आकर भगवान के वैराग्यभाव की प्रशंसा करतजे । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पाप श्रमण – Papa Sramana. A title for the secluded saint, cessation of sins. एकल विहारी साधु की उपाधि “
तद्विलक्षण Knowledge acquired by studying the scriptures (reg. extraordinariness). प्रत्यभिज्ञान का एक भेद, यह उससे विलक्षण है इस प्रकार का ज्ञान होना । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीर संघात – Shareera Sanghaata. Karmic association of body. उदय को प्राप्त जिन कर्म स्कंधों को छिद्र रहित संशलेष किया जाता है उन पुदगल स्कंधों की ‘शरीर संघात’ यह संज्ञा है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पानक- Panaka. Liquid edible materials. आहार का एक भेद – स्वच्छ (गर्म जल), बदल (इमली का पानी), लेवड , अलेवड, ससिक्थ, असिक्थ ये ६ पानक कहलाते हैं”
ततव समास Name of a treatise written by Maharshi Kapil. सांक्ष्य मत के मूल प्रणेता महर्षि कपलि की एक कृति का नाम।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तत्वार्थराजवर्तिक A book written by Acharya Aklanka Bhatta. आचार्य अकलंक देव (ई.620-680) द्वारा रचित एक ग्रंथ। [[श्रेणी:शब्दकोष]]