वर्तमान काल!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वर्तमान काल – Vartmaana Kaal.: Period of present time. चल रहा समय, विविक्षित पर्याय के प्रारंभ से अंत होने तक का काल ” यह दो प्रकार के है – सूक्ष्म – एक समयमात्र ,स्थूल – अंतर्मुहूर्त से लेकर संख्यात वर्ष तक “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वर्तमान काल – Vartmaana Kaal.: Period of present time. चल रहा समय, विविक्षित पर्याय के प्रारंभ से अंत होने तक का काल ” यह दो प्रकार के है – सूक्ष्म – एक समयमात्र ,स्थूल – अंतर्मुहूर्त से लेकर संख्यात वर्ष तक “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भागचंद – Bhagachanda. Name of a Pandit who wrote Mahavirashtak Stotra and many other books. महावीरष्ठक स्तोत्र, अमितगती श्रावकाचार वचनिका आदि ग्रंथो के कर्ता एक पंडित “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव प्ररूपणा – Bhava Prarupana. Representation of sentiments through disquisi-tion doors. भावों का अनुयोगद्वार से विशेष कथन “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सूत्रविरूद्ध – Sutra Viruddha. Contrary to scriptural facts. जिन वचन या आगम (श्रुत) वचन के विपरीत अथवा अप्रमाण ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंकजगुल्मा – Pankajagulmaa. Past-birth name oa Lord Vasupujya. वासुपूज्य भगवान के पूर्व भव का नाम “
चोरी- बिना दी हुई वस्तु का लेना चोरी स्तेयहै। इस कथन का अभिप्राय है कि बाह्य वस्तु ली जाय या न ली जाय किंतु जहाँ संक्लेशरूप परिणाम के साथ प्रवृति होती है, वहाँ चोरी का दोष लगता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीतराग श्रमण –VitaragaSrmana. One free from all passionate delusions, a saint. शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के राग से मुक्त साधु वीतराग श्रमण है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पिष्टाक – Pistaka. Name of the 28th Indrak or Patal (layer) of Saudharma Ishan Yugal heaven. सौधर्म ईशान युगल के २८ वें इन्द्रक या पटल का नाम “