एक – अंशग्राही ज्ञान!
एक – अंशग्राही ज्ञान Partial perceptual knowledge. प्रमाण के द्वारा ग्रहण की गई वस्तु के वस्तु के एक अंश में वस्तु का निश्चय करने वाला ज्ञान।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
एक – अंशग्राही ज्ञान Partial perceptual knowledge. प्रमाण के द्वारा ग्रहण की गई वस्तु के वस्तु के एक अंश में वस्तु का निश्चय करने वाला ज्ञान।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भास्कर (कवि) – Bhaskara (kavi). Name of a poet who wrote Jivandhar Charitra. जीवन्धर चरित्र के रचयिता एक कन्नड़ कवि “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशलेषण – Vishleshna. Analyssis, Disintegration. व्याख्यान या विवेचन करना “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वर – Svara. Voice, tone, tune, musical notes. शब्द। अष्टांग निमित्तज्ञान का एक भेद, यह दो प्रकार का होता है- दुःस्वर और सुस्वर। इनसे इष्ट और अनिष्ट पदार्थ के प्राप्त होने का संकेत प्राप्त होता है। संगीत कला से सम्बन्धित मध्यम, ऋषभ, गांधर, षड्ज, पंचम, धैवत और निषात 7 स्वर । ये आरोही और…
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पर अहिंसा:To Protect others i.e. to follow non-violence. दूसरो की रक्षा आदि करना ।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मीमांसा दर्शन–Meemansa Darshan. Philosophical system of Investigation. षट्दर्शन में एक दर्शन”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संतलाल – Santalaala. Name of a Jain poet, the writer of ‘Siddhachakra Vidhaan’. सिद्धचक्र विधान के कर्ता एक जैन कवि ” समय-ई.श. 17-18 “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] स्वभाव स्थिति – Svabhaava Sthiti. State of absolute engrossment in soul. निश्चय रत्नत्रय। स्वरुप मे लीनता या निश्चय अवस्थान।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मोद क्रिया–Mod Kriya. An auspicious activity related to the birth of child. गर्भधान के नवमें महीने में गर्भ की पुष्टि के लिए पुनः पूर्वोक्त विधान करके, स्त्री को गात्रिका–बन्ध, मन्त्रपूर्वक बीजाक्षर लेखन व मंगलाभूषण पहनाना”