योगमार्ग!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगमार्ग – आचार्य सोमदेव द्वारा रचित अध्यात्म विशयक एक ग्रंथ। Yogamarga-name of a treatise written by Acharya Somdev
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगमार्ग – आचार्य सोमदेव द्वारा रचित अध्यात्म विशयक एक ग्रंथ। Yogamarga-name of a treatise written by Acharya Somdev
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वज्र –ऋषभनाराच संहनन – Vajra-Rishabhnaaraacha sanhanana. An osseous structure, a type of bone joints (Karmas making body very strong). 6 संहनन में प्रथम संहनन ,जिस कर्म के उदय से शरीर में वज्र के समान नसों का जाल , कीलों व हड्डियां होती है ” तीर्थंकर आदि तदभव मोक्षगामी जीवों के यह संहनन होता है…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नैमिष – Naimisha. A city in thr north of Vijayrdh mountain. विजयार्ध की उत्तर श्रेणी का एक नगर “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वज्रनाराचसंहनन – Vajranaaraachasanhanana. An osseous structure . 6 सहननों में दूसरा संहनन , जिसमें वज्रमय हड्डियों दोनों ओर वज्रमय नाराच अर्थात कील से जुडी होती हैं ” यह नामकर्म की एक प्रकृति है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नेमिनाथ बसंत – Neminaath Basanta. Name of a book. बूचिराज (ई.शु.16) कृत नेमिनाथ भगवान के वैराग्य विषयक एक काव्य कृति “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संयमलब्धि – Sanyamalabdhi. Attainment of restraints (after destruction of passions). क्षीण या अक्षीण अनंतानुबंधी कषायों का उदयाभावी क्षय होने पर तथा प्रत्याख्यानावरण कषायों का उदयाभावी क्षय या सदवस्था उपशम होने पर और संज्वलन तथा नोकषायों का उदय होने पर संयम लब्धि होती हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शीतोष्ण – Sheetoshna. A kind of female genital organ (having to do with cold and hot). योनि के 9 भेदों में एक भेद; जो योनि शीत एवं उष्ण दोनों स्पर्श रूप होती है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नृत्यमाल – Nrtymaala. Ruling deity of Khandprapata, the summit of vijayardh mountain. विजयार्थ पर्वत के खण्डप्रपात कूट का स्वामी देव “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भिन्न परिकर्माष्ठक – Bhinna Parikarmastaka. Different type of mathematical operations ap- plied over a fraction. अंश व हर का संकलन, व्यवकलन, गुणकार, भागहार, वर्ग, वर्गमूल, घन और घनमूल करना “