त्रिज्ञानसिद्ध!
त्रिज्ञानसिद्ध A type of salvated beings (possessing three basic knowledges). भूतप्रज्ञापननय की अपेक्षा से तीन ज्ञान से सिद्ध होने वाले जीव । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्रिज्ञानसिद्ध A type of salvated beings (possessing three basic knowledges). भूतप्रज्ञापननय की अपेक्षा से तीन ज्ञान से सिद्ध होने वाले जीव । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सकलदत्ति – Sakaladatti. Entrusting all responsibilities and wealth to the descendant or heir. दत्ति के 4 भेदों में एक भेद ” अपने वंश की प्रतिष्ठा के लिए पुत्र को कुलपद्धति तथा धन के साथ अपना कुटुम्ब सौंपना सकलदत्ति कहलाता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीर – Shareera. Body, it is of five kinds-Audarik, Vaikriyik, Aharak, taijs & Karman. सप्तधातु से निर्मित देह, यह 5 प्रकार का होता है – औदारिक, वैक्रियिक, आहारक, तैजस और कार्माण “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरावती – Sharaavatee. The ancient name of present Shravasti (the birth place of Lord sambhavnath) near district baharaich (U.P.). भगवान संभवनाथ की जन्मभूमि श्रावस्ती का अपरनाम, यह उत्तरप्रदेश के बहराइच जिले में है “
द्रव्य सल्लेखना Physical holy death (by leaving off food etc.). भोजन आदि का क्रमपूर्वक त्याग करके शरीर को कृश करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] परलोक भय:A kind of insecurity (fear) related to the future birth. सप्त भयों में एक भय, परभव मेें न मालूम क्या होगा ऐसा भय होना ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भानु – Bhanu. The Sun, The son of Krishna. सूर्य, कृष्ण और सत्यभामा का पुत्र ” जिसने अंत में मुनिदिक्षा धारण की “
द्रव्य वचन Physical speech or pronunciation. पौद्गलिक शब्द वर्गणा जो वचन रूप से परिणमन करती है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
एक अजीव- एक अजीव कषाय Passion related to soul and non soul matters. निक्षेप की अपेक्षा कशाय के भेद ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]