भाव प्रमाण!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव प्रमाण – Bhava Pramana. Internally standard evaluation of something. भाव प्रमाण अर्थात् ज्ञान – दर्शन उपयोग ” वह जघन्य सूक्ष्म निगोदिया के, उत्क्रृष्ट केवली के, और मध्यम अन्य जीवों के होता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव प्रमाण – Bhava Pramana. Internally standard evaluation of something. भाव प्रमाण अर्थात् ज्ञान – दर्शन उपयोग ” वह जघन्य सूक्ष्म निगोदिया के, उत्क्रृष्ट केवली के, और मध्यम अन्य जीवों के होता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्धोपयोगी – Shuddhopayogi. A saint engrossed in pure soul i.e. in absolute meditation. शुद्धोपयोगसहित साधू या वीतराग स्वसंवेदन सहित जीव ” निश्चय रत्नत्रय से युक्त वीतरागी श्रमण “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मतार्थ – Matarth. A method of the exposition of right scriptures (Agam) by refuting the contradictory principles. आगम का अर्थ करने की 5 विधियों में एक विधि ; अन्यमत का निराकरण करते हुए अर्थ निकलना “
तत्वार्थभावना Thinking of ascertained reals. ध्यानशुद्धि की हेतु भूत ज्ञानशुद्धि में सहायक चिंतन[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मजीरा – Majira. Cymbals; an auspicious article kept near the idol of Lord Jinendra. जिनेन्द्र भगवान के पास सुशोभित दिव्य 108 उपकरणों में एक – झांझ, मंजीरा “
तत्वशक्ति Power of nature of an element. वस्तु के स्वभाव को तत्व कहते हैं वही तत्व शक्ति भी कहलाती है। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
घोर पराक्रम A type of supernatural power of having omnipotent like power of making dry to the water of an ocean etc. जिस ऋद्धि के प्रभाव से साधु अनुपम तप करते हुए तीन लोक के संघारी की शक्ति से संपन्न और सहसा समुद्र के जल सुखा देने की सामर्थ्य से युक्त होते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सभाभवन – Sabhaabhavana. Assembly hall, Auditorium. कक्ष जिसमे सभा आयोजित की जाती है, व्यंतर आदि देवो के चैत्यालयो मे सभा मण्डप।
चन्द्रप्रभा Name of a palanquin used for Lord Mahavira, while going for initiation. भगवान मज\हावीर दीक्षावन के लिए इस नाम की पालकी पर बैठकर गए थे ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]