वीरमातंडी!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीरमातंडी –Viramatamdi Name of a Kannad commentary book written by Chamundarai. चामुंडराय (ई. श. १० – ११) द्वारा रचित गोमट्टसार की कन्नड़ वृत्ति “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीरमातंडी –Viramatamdi Name of a Kannad commentary book written by Chamundarai. चामुंडराय (ई. श. १० – ११) द्वारा रचित गोमट्टसार की कन्नड़ वृत्ति “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पिशाच देव – Pisaca Deva. A type of peripatetic deities. व्यंतर देवों के दस भेदों में से एक भेद “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पद्मदल: A cluster of Lotus flowers, Lotus petals. कमलो का समूह।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विष्णुकुमार –Visnukumara. A great saint; the son of Chakravarti (emperor) ‘Mahapadma; ultimately who got salvation. महापध्न चक्रवर्ती के पुत्र एक महामुनि ” अक्म्पनाचार्य के ७०० मुनियों के संघ पर बलि कृत उपसर्ग को अपनी विक्रिया ऋध्दी द्वारा दूर किया, अंत में तप कर मोक्ष गये “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सूक्ष्म बादर स्कन्ध – Sukshma Baadar Skandha. Invisible existing matters like air, words etc स्कन्धों के 6 भेदों में से एक भेद । जो स्कन्द दिखाई न दे परन्तु उनका कार्य प्रगट हो जेसे हवा, शब्द आदि ।
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == मित्र : == सोसउ मा सोसउ च्चिय सलिलं रयणायरस्स बडवऽग्गी। जं लहइ जले जलणो तेण च्चिय किं न पज्जत्तं।। —गाहारयण कोष : ४० हे बडवाग्नि ! तू समुद्र के जल को सोख या न सोख, पानी में तुझे जो आग मिलती है अर्थात् दुश्मन के घर में अपना…
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == मोहनीय : == सेनापति निहते, यथा सेना प्रणश्यति। एवं कर्माणि नश्यन्ति, मोहनीये क्षयंगते।। —समणसुत्त : ६१३ जैसे सेनापति के मारे जाने पर सेना नष्ट हो जाती है, वैसे ही एक मोहनीय कर्म के क्षय होने पर समस्त कर्म सहज ही नष्ट हो जाते हैं।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुस्वरा – Susvaraa. Name of a female deity of a peripatetic Indra Gitaras. गीतरस व्यंतर इन्द्र की देवी ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पाहुडदोहा – Pahudadoha. A book written by Mahanandi. ई. श. १५ के अंतिम पाद में मह्नन्दि द्वारा रचित एक कृति “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैक्रियिक चतुष्क –VaikriyikaCatuska. A type of quartet pertaining to the transformable body (of deities & hellish beings) देवगति, देवगत्यानु पूर्वी, नरकगति, नरकत्यानुपूर्वी “