भुतरमण!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भुतरमण – Bhutaramana. Name of a garden of Bhadrashal forest. भद्रशाल वन के ५ उपवनों में एक उपवन का नाम “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भुतरमण – Bhutaramana. Name of a garden of Bhadrashal forest. भद्रशाल वन के ५ उपवनों में एक उपवन का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वामन – Vaamana.: Name of a guardian deity of an auspicious canopy. प्रतिष्ठा मंडप के 10 द्वारपलों में एक द्वारपाल देव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुण्यजीव – Punyajiva. Beings having auspicious & noble results of Karmas. सम्यक्त्व, श्रुतज्ञान, व्रतरूप परिणाम तथा कषाय निग्रहरूप गुणों से परिणत आत्मा “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृथिवीकायिक व्रक्ष – Prthivikayika Vrksa. A type of earth bodied trees related to existing imaginary life. जम्बू, शाल्मली आदि अकृत्रिम वृक्ष एंव पीपल, सप्तवर्ण, जामुन आदि समस्त चैत्यव्रक्ष पृथिवीकायिक व्रक्ष कहलाते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचेन्द्रियत्व – Panchendriyatva. To be five-sensed. पांच इन्द्रियों का होना” सयोगी अयोगी केवली को देव्येन्द्रिय की अपेक्षा पंचेन्द्रियत्वहोता है भावेन्द्रियकी अपेक्षा नहीं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पौरुषेय – Paurusheya. Man-made, Human-efforted, Manly. मनुष्य कृत, मनुष्य का काम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाणी – Vaanii.: Vocal speech,Voice,Language. ध्वनि, बोलने की शक्ति “
एकत्वविक्रिया Transformation of oneself into wild animals etc. forms, this power is possessed by hellish beings. अपने शरीर को व्याघ्र, हिरण, हंस आदि रूप से बना लेना एकत्वविक्रिया है। यह विक्रिया नरक में नारकी जीवों के होती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यशस्तिलकचंद्रिका–Yashastilakchandrika. Name of a commentary book. सोमदेवकृत यशस्तिलक चम्पू की श्रुतसागर (ई. 1480–1499) कृत एक संस्कृत टीका”