प्रचय!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रचय – Prachaya. Accumulation, collection, Togetherness. समूह, संग्रह, संचय, साधारण मेलजोल “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रचय – Prachaya. Accumulation, collection, Togetherness. समूह, संग्रह, संचय, साधारण मेलजोल “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विद्योपजीवन – Vidyapajivana. A fault of food and hermitage related to saint (to attract donor with mystical knowledge). आहार एवं वसतिका का एक दोष; दातार को मंत्र तंत्रादि बताकर आहार एवं वसतिका प्राप्त करना साधु का विद्योपजीवी नामक दोष है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] भेदग्रहण :Comprehension of something with its different dimensions. ज्ञान में वस्तु को भेद या विकल्प सहित गृहण करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विपरीत मिथ्यात्व – Viparita. Mithyatva. Belief in wrong theory or wrong religious con-ception. मिथ्यात्व के ५ भेदों में भेद; विपरीत धर्म को यथार्थ मानना ” जैसे – पशु यज्ञ से स्वर्ण मिलेगा, परिग्रह सहित भी निग्रर्थ होता है इत्यादि “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भूतोत्तम – Bhutottama. A type of peripatetic deities. भूत जाति के व्यंन्तर देवों के सात भेदों में एक भेद “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृथकत्व विक्रिया – Prthaktva Vikriya. Miraculous activity of making different forms of body at different places at time while original body remaining at original place. अपने मूल शरीर से भिन्न – भिन्न अनेक शरीर बनाकर उनमें अपने आत्मा के प्रदेशों को फैलाना ” जैसे – सौंधर्म इंद्र अपने मूल शरीर को सौधर्म…
उन्मग्ना See – Unmagnajalå Nadî. देखें-उन्मग्नजला नदी इसके तट पर भरतेश की सेना ने विश्राम किया था।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
एकस्थान उपवास A vow (an austerity). कायक्लेश तप, शरीर को कृश करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकृष्ट – Prakrsta. Ultimate, supreme, excellent. सर्वोंतम, श्रेष्ठ, गौरवशाली “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशेष काल – Vishesha Kala. A type of peculiar time. विधि रूप वर्तन सामान्य काल है और निषेध स्वरूप विशेष काल हैं “