विषयातीत!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विषयातीत – Vishayatita. Supreme bliss. विषयों की निवृति से उत्पन्न होने वाला सुख अर्थात् संसार के विषयों से अतीत स्वाधीन अव्याबाध सुख “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विषयातीत – Vishayatita. Supreme bliss. विषयों की निवृति से उत्पन्न होने वाला सुख अर्थात् संसार के विषयों से अतीत स्वाधीन अव्याबाध सुख “
द्युति Light, radiance, splendour. कति,शरीर, वस्त्र और आभूषण आदि की कांति।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विन्दफल – Vindaphala.: Volume,space occupied. आयतन ,घनफल ,विस्तार “
एक सौ उन्हत्तर A number – 169 (169 super human beings). 169-169 दिव्य पुरूष (महापुरूष ) कहे जाते हैं(तिलोयपण्णत्ति के अनुसार)।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
दैत्य A type of knowledge, Demon, Evil spirit. एक प्रकार की विद्या, राक्षस।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वारिषेण – Vaarishena.: The son of king Shrenik who ultimately became deity in the heaven, Name of an Anuttaropapadak in the era of Lord Mahavira. राजा श्रेणिक का पुत्र ,मुनि हो स्वर्ग में देव हुआ ,भगवान महावीर के तीर्थ के एक अनुत्तरोपपादक “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वायुचारणऋद्धि – Vaayuchaarana Riddhi.: A supernatural power related to the walking over air. चारणऋद्धि का एक भेद ; जिसके प्रभाव से मुनि अनेक प्रकार की गति से युक्त होकर प्रदेशों की पंक्ति पर अस्खलित होकर पद विक्षेप करते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्ध उपयोग – Shuddha Upayoga. Right conduct or reflections. राग द्वेषादि रहित आत्मा के सन्मुख उपयोग, स्वानुभवरूप भाव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुद्गलसंघात – Pudgalasamghata. Densely aggregation of matters. पुद्गलों का सघन रूप से मिलना “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == ममत्व : == ममता खट परै रगे, ओनीदे दिन रात। लेनो न देनो इन कथा, भोरे ही आपत जात।। —आनन्दघन ग्रंथावली :: पद : ३५ ममता नारी में यदि कोई गुण है तो वह है मोहित करने का। किन्तु वह स्वर्ण—कटार किस काम की, जिसका स्पर्श—मात्र प्राणान्त का…