चक्षुदर्शनावरण!
चक्षुदर्शनावरण Obscurring Karma of visionary conation. दर्शानावरण कर्म के ९ भेदों में से एक भेद; जो कतमा चक्षु के द्वारा वस्तु का सामान्य ग्रहण नन होने दे ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चक्षुदर्शनावरण Obscurring Karma of visionary conation. दर्शानावरण कर्म के ९ भेदों में से एक भेद; जो कतमा चक्षु के द्वारा वस्तु का सामान्य ग्रहण नन होने दे ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सांतर सिद्व – Saantara Siddha. Beings to be salvated from Santar Gatri. अंतर-विच्छेद सहित होने वाले सिद्व।
त्वष्टा Name of a presiding deity of Chitra lunar. चित्रा नक्षत्र के अधिपति देवता का नाम। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्रुटरेणु An area unit. क्षेत्र का प्रमाण विशेष, आठ संज्ञा- संज्ञाओं (सन्नासन्न) का एक त्रुटरेणु। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिष्ठाचार्य- जिनबिम्बादिक की पंचकल्याणक प्रतिष्ठा कराने वाला जिनधर्म का दृढ श्रद्धानी, सदाचारी, शास्त्रज्ञ, निश्चय व्यवहार का ज्ञाता, देष कुल जाति से शुद्ध त्यागी या गृहस्थ श्रावक। pratisthacharya – the cheif one, the installator in the consecration celebration of ido installation
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रात्रियोग – साधुओं का एक कृति कर्म। सायंकालीन प्रतिक्रमण के पष्चात योग भक्तिपूर्वक जैन साधु रात्रियोग धारण करते है।प्रात कालीन सामायिक से पूर्व योग भक्तिपूर्वक ही उसका निश्ठापान करते हैं। Ratriyoga-Meditation activities to be observed by saints during night hours (an austerity)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रदेशापचय- प्रदेषें की न्यमनता या ह्नास। pradesapacaya – deterioration of space points
चक्षु इन्द्रिय Visual sense organ, sense of sight, ocular sense. आँखें, जिसके द्वारा संसारी जीव पदार्थों को देखता है उसे चक्षु इन्द्रिय कहते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रदेश- आकाष के एक अविभगी अंष का नाम प्रदेष है अथवा आकाष का वह अंष जिसको एक अविभागी पुद्गल परमाणु रोके। pradesa – space point, location, point as decimal place.
त्रिलोकसार A book of Karnanuyog written by Acharya Nemichandra Siddhant Chakravarti. आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती द्वारा ई.श.11 पूर्व में रचित करणानुयोग से संबंधित लोकविभाग विषय पर प्राकृत ग्रंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]