स्थूल भद्र!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थूल भद्र – Sthuula Bhadra. Name of a shvetambaracharya.एक श्वेताम्बराचार्य का नाम।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थूल भद्र – Sthuula Bhadra. Name of a shvetambaracharya.एक श्वेताम्बराचार्य का नाम।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रस निरपक्ष आहार – नीरस आहार, रसयुक्त अर्थात स्वादिश्ट भोजन आदि की अभिलाशा न करना। Rasa Nirapeksa (Ahara)-Devoid of the desire of tasty food
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकांड – Prakanda. A great & learned person, a man of vast learn-ing. उत्कृष्ट विद्वान “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थिति शक्ति – Sthiti Sakti. Strength of karmic binding.प्रथम आदि निषेको की सर्व की स्थिति शक्ति है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] यषोनंदी – नन्दीसंघ बलात्कर गण में यष कीर्ति ई 231 – 299 के षिश्य व देवनंदी के गुरू ई 289 – 336। Yasonamdi-Name of an Acharya of nandi Group
छठा अणुव्रत Sixth model stage;to renounce night meal. रात्रि भोजन का त्याग करना , जैन साधुओं के ५ महाव्रतों के साथ-साथ यह छठा अणुव्रत माना गया है . इसका पालन करते हुए वे मन-वचन-काय से रात्री भोजन की अनुमोदना भी नहीं करते ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थावर जीव – Sthaavara Jiva. Transmigratory state of soul (reg. immobile or static beings like earth, water, fire, air & plants).5 स्थावरोे के 4 भेदो मे एक भेद। जो जीव पहले शरीर को छोड़कर स्थावरो मे जन्म लेने के लिये जा रहा है, जब तक वह स्थावरो को अपने शरीर रुप से ग्रहण नही…
देववंदना Trikal (three times a day) Samayik (act of procedural adoration to Lord Arihant). त्रैकालिक सामायिक में विधिपूर्वक चैत्य व पंचगुरूभक्ति सहित वंदना करने को देववंदना कहते हैं । श्री वसुनंदि आचार्य की मुलाचार टीका के अनुसार , ‘‘सामाइय’’ नाम भवति। जीवितमरणलाभसंयोगविप्रयोग बन्ध्वरिसुखदुःखादिषु यदेतत्समत्वं समानपरिणामः त्रिकालदेववंदनाकरणं च तत्सामायिकं व्रतं भवति।’’ अर्थात् ‘‘ जीवन-मरण, लाभ –…
चर्चिका A time unit. काल का एक प्रमाण , ८४ लाख हस्त प्रहेलिका प्रमाण काल , यह संख्यात काल का एक भेद है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्यग्ज्ञानचंद्रिका – Samayagyaanachandrikaa. Name of a great book written by Pandit Todarmal. पं. टोडरमल जी (ई. सन् 1761) कृत अध्यात्म विषयक ग्रंथ।