वर्षा ऋतु!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वर्षा ऋतु – Varshaa Ritu.: Rainy season. 6 ऋतुओं में एक ऋतु ; बरसात का समय इसमें साधु वर्षायोग या चातुर्मास धारण करते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वर्षा ऋतु – Varshaa Ritu.: Rainy season. 6 ऋतुओं में एक ऋतु ; बरसात का समय इसमें साधु वर्षायोग या चातुर्मास धारण करते हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विरताविरत – Viratavirata. Those who have abandoned five partiaular sains partially (pertaining to partially restrained Jaina followers). देशसंयत या संयतासंयत ” हिंसा आदि ५ पापों का स्थूल रूप से त्याग करने वाले पंचम गुनस्थानवर्ती अनुवर्ती श्रावक “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वर्तमान काल – Vartmaana Kaal.: Period of present time. चल रहा समय, विविक्षित पर्याय के प्रारंभ से अंत होने तक का काल ” यह दो प्रकार के है – सूक्ष्म – एक समयमात्र ,स्थूल – अंतर्मुहूर्त से लेकर संख्यात वर्ष तक “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भागचंद – Bhagachanda. Name of a Pandit who wrote Mahavirashtak Stotra and many other books. महावीरष्ठक स्तोत्र, अमितगती श्रावकाचार वचनिका आदि ग्रंथो के कर्ता एक पंडित “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभाव द्रव्य पर्याय – Vibhava Dravya Paryaya. Physical existence contrary to real nature. पर द्रव्य के निमित्त से जो प्रदेशत्व गुणों में विकार हो ” जैसे – जीव की नर – नारकादि पर्याय तथा स्कंध रूप पर्याय, पुद्ग्ल द्रव्य की विभाव द्रव्य पर्याय है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव प्ररूपणा – Bhava Prarupana. Representation of sentiments through disquisi-tion doors. भावों का अनुयोगद्वार से विशेष कथन “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य चिह्न – Bahya Cinha. External symbolic significances (reg. laugh,love , peace etc.). वस्तु की पहचान कराने वाले बाहरी चिन्ह जैसे – प्रसत्रचित रहना, धर्म से प्रेम करना, शुभ उपयोग रखना आदि धर्मध्यान के बाह्य चिह्न कहलाते है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सूत्रविरूद्ध – Sutra Viruddha. Contrary to scriptural facts. जिन वचन या आगम (श्रुत) वचन के विपरीत अथवा अप्रमाण ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंकजगुल्मा – Pankajagulmaa. Past-birth name oa Lord Vasupujya. वासुपूज्य भगवान के पूर्व भव का नाम “