निष्पत्ति!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निष्पत्ति – Nishpatti. Origination, Completation, Certainty. जन्म, उत्पत्ति, समाप्ति, पूर्णता “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निष्पत्ति – Nishpatti. Origination, Completation, Certainty. जन्म, उत्पत्ति, समाप्ति, पूर्णता “
दश भक्ति The collection of different particular devotional prayers. प्राकृतभाषा की सिद्धभक्ति , श्रुतभक्ति, चारित्रभक्ति , योगभक्ति , आचार्यभक्ति , वर्तमान में उपलब्ध ये आठ भक्तियाँ ही आचार्य श्री कुन्दकुन्द स्वामी द्वारा रचित ‘‘दशभक्ति’’ नाम से प्रसिद्ध हैं । संस्कृत की चैत्यभक्ति एंव समाधिभक्ति ये 11 भक्तियाँ ‘‘दशभक्ति’’ नाम से प्रसिद्ध हैं। वर्तमान में पूज्य…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वंशाल –Vanshaal : Name of a city of the northen Vijayardh mountain, Name of a system of super power. विजयार्ध पर्वत के उत्तर श्रेणी का एक नगर ,नमि विनमि विद्याधरों को प्राप्त आठ विद्या निकायों में छठा विद्या –निकाय “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भद्रक – Bhadraka. A type of peripatetic deities, Worthy or gentle person. यक्ष जाती के व्यन्तर देवों का एक भेद , चतुर्थ काल के कोमल परिणामी परुष “
दर्शनाराधना A type of devotional prayer of right faith. 4 आराधना में एक भेद, निर्दोष सम्यग्दर्शन की आराधना करना, इससे जीवादि सात तत्वों और उनके प्रतिपादक गुरू शास्त्रों पर श्रद्धान होते हैं ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] व -Va : The 29th consonant of the Devanagari syllabary . देवनागरी वर्णमाला का उन्नीसवां व्यंजन ,इसका उच्चारण स्थान दन्त्य अथवा दन्त्यौष्ठ माना जाता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निषादिनी – Nishaadinee. 5th type of music in all 8 kinds. संगीत की 8 जातियों में पांचवी जाति “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शिक्षाव्रत – Shikshaavrata. Vows pertaining to religious instructions. मुनिधर्म के अभ्यास में हेतु रूप गृह्स्थों के 4 व्रत-भोगोपभोग परिमाण, सामायिक, प्रोषधोपवास, अतिथिसंविभाग “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चयाचार – Nishchaayachaara. Absolute religious conduct & behaviour. परद्रव्यों से भिन्न शुद्धात्मा तत्व में श्रद्धा, ज्ञान, आचरण, तप शक्ति को न छिपाते हुए परिणमन(आचरण) करना निश्चयाचार है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शास्त्रदान – Shaastradaana. A type of donation-providing scriptures or scriptural knowledge. दान का एक भेद (ज्ञान दान)-सत्पुरुषों का उपकार करने की इच्छा से शास्त्र का व्याख्यान करना या पठन सामग्री देना “