सुकक्ष!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुकक्ष – Sukaksha. Name of the 31st city in the sourth of Vijayardh mountain. विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का 31 वां नगर ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुकक्ष – Sukaksha. Name of the 31st city in the sourth of Vijayardh mountain. विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का 31 वां नगर ।
दृष्टांत Illustration, Example, Instance. हेतु की सिद्धि में साधनमृत कोई दृष्ट पदार्थ जिसमें कि वादी व प्रतिवादी दोनों सम्मत हों।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पानी छानना- Pani Chanana. Filtration of water with cloth. जलगालन . जैन विधि के अनुसार, जब कपड़े का मोटा छत्रा दोहरा करके उससे पानी छाना जाता है, तब वह जीवरहित शुद्ध जल होता है तथा छत्रे की जीवनी करने की भी विशेष विधि होती है”
दुष्प्रमार्जित निक्षेप Placing something carelessly or wrongfully. अजीवाधिकरण के भेद निक्षेप का एक उपभेद दुष्टतावश असावधानी से वस्तु को रखना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य उपधि – Bahya Upadhi. Alien – belonging (material articles). बाह्य परिग्रह,आत्मा से एकत्व को नहीं प्राप्त हुए ऐसे क्षेत्र, वास्तु, धन आदि बाह्य उपधि हैं “
दुषमा दुषमा काल A period of 21000 years, time of penury or period of decay (this period will occur after 18500 years). अवसर्पिणी काल का छठा 21000 वर्ष का काल । इस काल में धर्म , अग्नि और राजा इन तीनों का अभाव होने से केवल अधर्मरूप क्रियाएँ होती हैं, इसमें मनुष्य पशुवत् आचरण करता…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पात्रदत्ति:To offer food to Jaina with reverential and prescribed procedure.महातपस्वी मुनियो, आर्यिकाओ आदि सुपात्रो के लिए सत्कार पूर्वक पड़गाहन कर जो आहार आदि दिया जाता है उसे पात्रदति कहते है। इससे स्वर्ग एवं भोगभूमि आदि के सुख मिलते है।
दुःप्रणिधान Arrogant or Illusive tendency (an infraction). सामायिक शिक्षा व्रत का एक अतिचार । सामायिक के समय मन – वचन- काय की प्रवृत्ति रागरूप या प्रमादरूप होना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
आदिपुरुष The first supreme soul of this age, Lord Adinath. अवसर्पिणी काल की कर्मभूमि के आदि नेता आदिनाथ भगवान प्रथम तीर्थंकर।[[श्रेणी:शब्दकोष]]