चोरी-!
चोरी- बिना दी हुई वस्तु का लेना चोरी स्तेयहै। इस कथन का अभिप्राय है कि बाह्य वस्तु ली जाय या न ली जाय किंतु जहाँ संक्लेशरूप परिणाम के साथ प्रवृति होती है, वहाँ चोरी का दोष लगता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चोरी- बिना दी हुई वस्तु का लेना चोरी स्तेयहै। इस कथन का अभिप्राय है कि बाह्य वस्तु ली जाय या न ली जाय किंतु जहाँ संक्लेशरूप परिणाम के साथ प्रवृति होती है, वहाँ चोरी का दोष लगता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनरंगलाल- Manarangalala. Name of a writer who wrote Namichandraka, specially 24, worshipping composition of 24 Jaina Lords and many other books. पंडित ; नमिचंद्रका, सप्तव्यसनचरित्र आदि के रचियता ” इनके द्वारा रचित 24 तीर्थंकरों की 24 पूजाएं अत्यंत प्रसिद्द हैं “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] हूहू अंग – Huuhuu Anga. A large unit of time. काल का एक प्रमाण-हाहा प्रमित काल के 84 से गुणित होने पर प्राप्त संख्यात्मक काल।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाववेद – Bhavaveda. Psychic libido. वेद नोकषाय के उदय से मैथुन भाव होना, इसके ३ भेद हैं “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हिम – Hima. Snow or ice, name of a summit of Nandan forest, name of the first Patal (layer) of the 6th hell. बर्फ, नंदन वन का एक कूट, ष्सष्टम नरक का प्रथम पटल।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हास्य द्विक – Haasya Dvika. The dyad of Karmic nature pertaining to laughing. हास्य, रति ये दो कर्म प्रकृतियां।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशुध्दि – Vishuddhi. A state of lack of passions. संक्लेश परिणामों की हीनता अथवा साता वेदनीय कर्म के बन्ध में कारणभूत विशुध्द परिणाम “