छद्म!
छद्म Disguise, Hypocrisy, Deception. ज्ञानावरण व दर्शनावरण को छद्म कहते हैं , धोखा , ठग , वेश , बदलते हुए ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
छद्म Disguise, Hypocrisy, Deception. ज्ञानावरण व दर्शनावरण को छद्म कहते हैं , धोखा , ठग , वेश , बदलते हुए ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्ष द्रव्य विधान – Sparssa Dravya Vidhaana. A type of anuyodgwar (disquisition door), contact of one matter with other.देखे- स्पर्श अंतर विधान, एक द्रव्य दूसरे द्रव्य से स्पर्श को प्राप्त होता है वह सब द्रव्य स्पर्श है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शैक्ष – Shaisha. New disciple-saint under the process of learning. नवीन दीक्षित मुनि जो श्रुत का अभ्यास करते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थौल्य – Sthaulya. Grossness, bulkinessस्थूल का भाव या कर्म स्थौल्य है।
चतुरावश्यक Four super necessities of the 7th stage of spiritual development. अनंतगुणी विशुद्धि , अप्रशास्ता प्रकृतियों की अनंतगुणी हानि, प्रशस्त प्रकृतियों में अनंतगुणी वृद्धि , स्थिति बंधापसरन ये ४ आवश्यक कार्य अधःप्रवृत्तकरण संयत अर्थात् सप्तम गुणस्थानवर्ती मुनि के होते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीर्य –Virya Vitality, Potency, Spiritual power, शक्ति, गुण, आत्मा का बल जिसको विर्यातराय कर्म ढकता हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थिर आसन – Sthira AAsana. A stable posture of deep meditation.ध्याता का एक लक्षण। शरीर व ध्याय योग्य आसन की स्थिरता। या चंचलता रहित आसन।
त्रिलोकगुरू One who is great in all three worlds. अनंत ज्ञानादि महान गुणों के द्वारा जो तीन लोकों में भी महान् है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संज्वलन – Sanjvalana. A passion, which disturbs perfect conduct. एक कषाय; जो यथाख्यात चारित्र का घात करती है “