रथ!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रथ – प्राचीन काल का प्रसिद्ध वाहन, इसमे हाथी घोडे जोते जाते थे। युद्ध के समय राजा इस पर आरूढ होकर समपरांगण मे जाते थे। वर्तमान में रथ पर भगवान विराजमान करके रथ यात्रा निकाली जाती है। Ratha-Chariot
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रथ – प्राचीन काल का प्रसिद्ध वाहन, इसमे हाथी घोडे जोते जाते थे। युद्ध के समय राजा इस पर आरूढ होकर समपरांगण मे जाते थे। वर्तमान में रथ पर भगवान विराजमान करके रथ यात्रा निकाली जाती है। Ratha-Chariot
लक्ष्मी [[श्रेणी:शब्दकोष]] लक्ष्मी – षिखरी पर्वत पुण्डरिक हद की स्वामिनि दिक्कुमारी देवी, ये गर्भावस्था मे जिनमातर की सेवा करती है। Laksmi-name of a female divinity of large pond situated at Shikhari Mountain
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वरुप संबोधन – Svaruupa sambodhana. Name of a composition composed by Acharya Akalank Bhatta. आचार्य अकलंक भट्ट (ई. 620-680) कृत 25 श्लोक प्रमाण आध्यात्मिक कृति।
देवदर्शन Paying reverence to Lord- Arihant with proper procedure. जिनेन्द्र भगवान का विधिपूर्वक दर्शन करना, जिससे करोड़ों उपवास का फल प्राप्त होता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संदिग्ध – Sandigdha. Doubtful, suspicious, scrupulous. भ्रामक, संदेहात्मक “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाहु – Bahu. Name of the 3rdTirthankar situated in videhKshetra (region). विदेह क्षेत्र में स्थित तीसरे तीर्थकर का नाम “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वयंभूस्तोत्र – Svayammbhuustotra. Name of a famous eulogical composition composed by Acharya Samantbhadra. आचार्य समन्तभद्र (ई0श0 2) कृत संस्कृत छंदबद्व ग्रथ। इसमे 24 तीर्थकरो का स्तवन न्यायपूर्वक अनेकांत की स्थापना करते हुए किया गया है। कुल श्लोक 143 है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रसकर्म – मंत्र – तंत्र आदि के द्वारा रस आदि की सिद्धि करना। Rasakarma- Mystical activity
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == जय परायज : == स वोरिए परायिणति, अवीरिए परायिज्जति। —भगवती सूत्र : १-८ शक्तिशाली (वीर्यवान्) जीतता है और शक्तिहीन (निर्वीर्य) पराजित हो जाता है।