वचन (अनृत)!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वचन (अनृत) – Vachan (Anrta).: False speech or words. असत्य वचन ; मर्मछेदी, कलहकारी, हास्य, भय , लोभ, क्रोध, द्वेष आदि को उत्पन्न करने वाले वचन “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वचन (अनृत) – Vachan (Anrta).: False speech or words. असत्य वचन ; मर्मछेदी, कलहकारी, हास्य, भय , लोभ, क्रोध, द्वेष आदि को उत्पन्न करने वाले वचन “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निष्क्रिय परमाणु – Nishkriya Parmaanu. Inactive particales. क्रिया रहित परमाणु “
इंद्रध्वज विधान A book written by Ganini Gyanmati Mataji related to Pooja-Vidhan (worshipping). गणिनी आर्यिका श्री ज्ञानमति माताजी द्वारा मध्यलोक के 458 आकृत्रिम जिन-चैत्यालयों की पूजन हेतु रचित एक अनुपम कृति (ई.स.1976)। वर्षा के अभाव में इस विधान को करने की प्राचीन परम्परा है। वर्तमान में अपने मनोरथों की सिद्धि हेतु भी लोग इस विधान…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वन्दनीय –Vandaniya.: Praiseworthy , Worthy of honour , Adorable . विनय ,नमस्कार के योग्य “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निषद्या परिषय जय – Nishadyaa Parishaha Jaya. To endure the afflictions caused by the postures of meditation. तपस्या काल में एक आसन से स्थिर रहने से उत्पन्न वेदना-उपसर्ग आदि को सहन करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय सम्यदर्शन – Nishchaya Samyagdarshana. Absolute perception or belief. पर द्रव्यों से भिन्न आत्मा में रूचि – श्रद्धान होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शासन – Shaasana. Regime, Discipline, Rules. अनुशासन, आज्ञा जिसके द्वारा समस्त जीवजीवादिक पदार्थ जाने जाते हैं वह आज्ञा या आगम शासन कहलाता है ” वर्तमान में भगवान महावीर का शासन काल चल रहा है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय ब्रह्मचर्य – Nishchaya Brahmacharya. Absolute engrossment into own soul. ब्रह्म शब्द का अर्थ निर्मल ज्ञान स्वरूप आत्मा है, मुनि अवस्था में उस आत्मा में लीन होना निश्चय –ब्रह्मचर्य है “