संयमलब्धि – स्थान!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संयमलब्धि – स्थान – Sanyamalabdhi – Sthana. The stage for the attainment of restraints. जिस अवस्था विशेष में संयम लब्धि ठहरती हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संयमलब्धि – स्थान – Sanyamalabdhi – Sthana. The stage for the attainment of restraints. जिस अवस्था विशेष में संयम लब्धि ठहरती हैं “
गिरिकूट A mountain of Bharat kshetra ( a region) near Eravati river. ऐरावत नदी के पास स्थित भरत क्षेत्र का एक पर्वत ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पूर्वांग – Poorvaanga. A particular long time period. काल का एक प्रमाण विशेष ” 84 लाख वर्ष प्रमाण काल “
त्रसनाड़ी A channel or tunnel of mobile beings. लोक के बहु मध्य में एक राजु लम्बा और कुछ कम तेरह राजु ऊंचा बस जीवों का निवास क्षेत्र । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
गतिगति-अगति(गुणस्थान प्राप्ति) Probability of getting any body form (Gati) after dying from one spiritual stage (Gunsthan). गुणस्थान से गति सामान्य अर्थात् किस गुणस्थान से मरकर जीव जिस गति में उत्पन्न हो सकता है और किसमें नहीं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पूर्वभाव प्रज्ञापन नय – Poorvabhaava Pragyaapana Naya. See – Poorva Pragyaapana Naya. देखें – पूर्व प्रज्ञापन नय “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष ]] == कर्म-मुक्ति : == पक्के फलम्हि पडिए, जह ण फलं बज्झए पुणो विंटे। जीवस्स कम्मभावे, पडिए ण पुणोदयमुवेइ।। —समयसार : १६८ जिस प्रकार पका हुआ फल गिर जाने के बाद पुन: वृन्त से नहीं लग सकता, उसी प्रकार कर्म भी आत्मा से विमुक्त होने के बाद पुन: आत्मा (वीतराग) को…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पूर्णभद्र (देव) – Poornabhadra (Deva). A type of peripatetic deity of ‘Yaksha jati (caste)’, Name of ruling deity and protecting deity of Purnabhadra summit of Vijayardh and malyavan Gajdant mountains respectively. यक्ष जाति के व्यन्तर देवों (5 क्षेत्रपालों में एक) का एक भेद ” विजयार्ध एवं माल्यवान गजदंत पर्वत स्थित क्रमशः पूर्णभद्र कूट के…
खरदूषण The son of Meghprabh. मेघप्रभ का पुत्र ,रावण की बहन चंद्रनखा को हर कर उससे विवाह किया था । [[श्रेणी:शब्दकोष]]