पद्मपुख!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पद्मपुख: Name of the 15th predestined Kulkar (ethical founder). भविष्यकालीन 15 वे कुलकर का नाम ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पद्मपुख: Name of the 15th predestined Kulkar (ethical founder). भविष्यकालीन 15 वे कुलकर का नाम ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पूर्वापर – Purvapara. Antecedent and consequent. पहले और बाद का “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव अभावशक्ति – Bhava Abhavasakti. A kind of power acquired by the soul. जीव की एक शक्ति, विधमान पर्याय का नाश करने से जीव को भावाभाव कर्त्तृव कहा गया है “
दम Subduing of feelings, self control. जितेन्द्रियता , इन्द्रियों को सम्यक रूप से दमन करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यज्ञदीक्षा विधान–Yagyadiksha Vidhan. Putting on ornaments with chanting the sacred Mantras for worshipping. अनुष्ठान पर्यन्त नियम विशेष का पालन करने एवं मंत्र सहित आभूषणादि पहनने की विधि, जो पूजा–प्रतिष्ठा के समय की जाती है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यक्षोत्तम– Yakshottam. A type of peripatetic deities. यक्ष जातिके व्यंतर देवो का एक भेद”
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पत्रजाति वनस्पति :A type of vegetation (betel leaf etc) नागरवेल आदि वनस्पति (पान, पत्ता आदि)।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मेचक–Mechak. Soul with different stages. अनेक अवस्था रूप होना जैसे आत्मा कंथचित मेचक है”