ऋजुमति!
ऋजुमति A type of Manah Paryay Gyan. वह ज्ञान जो दूसरे के मन में सरल रूप में स्थित रूपी पदार्थ को प्रत्यक्ष जानता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
ऋजुमति A type of Manah Paryay Gyan. वह ज्ञान जो दूसरे के मन में सरल रूप में स्थित रूपी पदार्थ को प्रत्यक्ष जानता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सात्यकिपुत्र – Saatyakiputra. The 11th Rudra, the soul of predestined 24th Tirthankara (Jaina-Lord). 11 वें रुद्र, भाविकालीन 24 वे तीर्थकर का जीव।
ऊ The sixth vowel of the Devanagari syllabary. देवनागरी का छटवां स्वर।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
ऊर्ध्वसूर्य तप A type of austerity, Walking in peak noon time. कायक्लेश का भेद सूर्य जब मस्तक पर चढ़ता है(मध्यान्ह काल) ऐसे समय में गमन करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हृी (देवी) – Hrii (Devii). Name of female divinity of Mahapadma Hrid at Mahahimvan mountain, one of the 8 Dikkumari Devis (Divinities). महाहिमवान पर्वतस्थ महापद्य हद मे स्थित कमल निवासिनी देवी, अष्ट दिक्कुमारी देवियो मे दूसरी देवी, इसकी आयु एक पल्य की है। ये जिनमाता की सेवा मे आती हैं।
उलूक Owl, A doctrine of inactivity. एक पक्षी- उल्लू अक्रियावादी एकान्त मत।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपविष्टोत्थित A type of meditative relaxation (with spiritual thinking) . कायोत्सर्ग का एक भेद – बैठे हुए आर्त्त-रौद्र ध्यानों का चिन्तवन करना। अपरनाम उपविष्ट निविष्ट।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] हेत्वंतर निग्रहस्थान – Hetvamtara Nigrahasthaana. Amendment of the reason or restriction in argumentation. विशेषांे का लक्ष्य नही करके सामान्य रुप से हेतु के कह चुकने पर पुनः प्रतिवादी द्वारा हेतु के प्रतिषेध हो जाने पर विषेष अंष को विवक्षित कर रहे वादी का हेत्वन्तर निग्रह स्थान हो जाता है।
एक- अग्र Concentration. ध्येय में एकाग्र होकर पदार्थ का ध्यान करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपभोगपरिभोग Consumption, Enjoyment . वस्त्र आभूषण आदि बराबर भोगने वाली वस्तु को उपभोग एंव खान-पान आदि एक बार भोगने वाली वस्तु को परिभोग(भोग) कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]