निषण्ण निषण्ण व्युत्सर्ग!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निषण्ण निषण्ण व्युत्सर्ग – Nishnna Nishnna vyutsarga. A type of bad meditative relaxation. कायोत्सर्गका एक भेद; बैठकर अशुभ ध्यान करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निषण्ण निषण्ण व्युत्सर्ग – Nishnna Nishnna vyutsarga. A type of bad meditative relaxation. कायोत्सर्गका एक भेद; बैठकर अशुभ ध्यान करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शिक्षक – Shikshaka. Teacher, Religious preceptor-saints. गुरु, श्रुताभ्यास कराने वाले मुनि “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय षडावश्यक – Nishchaya Shadaavashyaka. Synonym word for Mokshamarg, path of salvation. निश्चय मोक्षमार्ग का एक अपरनाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शालिसिक्थ मत्स्य – Shalisiktha Matsya. A special type of aquatic being (Tandul Matsya). तन्दुल मत्स्य; इनका शरीर तण्डुल (चावल) के सिक्थ के प्रमाण होता है एवं स्वयंभूरमण समुद्र में रहने वाले महामत्स्य के कां का मेल खाकर जीवन निर्वाह करते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय प्रत्याख्यान – Nishchaya Pratyaakhyaana. Absolute renunciation (to have real knowledge). मुनि अवस्था में अपने से भिन्न पदार्थों को पर जान उन्हें उसी समय छोड़ देना ” अतः वास्तव में ज्ञान ही प्रत्याख्यान है ऐसा निश्चय कर आत्मा में स्थिर हो जाना “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष]] == चरित्त : == चारित्तं समभावो —पंचास्तिकाय : १०७ समभाव ही चारित्र है। असुहादो विणिवित्ती, सुहे पवित्ती य जाण चारित्तं। —द्रवसंग्रह : ४५ अशुभ से निवृत्ति और शुभ में प्रवृत्ति करना—इसे ही चारित्र समझना चाहिए। थोवम्मि सिक्खिदे जिणइ, बहुसुदं जो चरित्तसंपुण्णो। जो पुण चरित्तहीणो, िंक तस्स सुदेण बहुएण।। —मूलाचार : १०-६…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लौकिक शुची –Laukika Shuchi.: Eight particular means of worldly purities. लोक व्यवहार शुद्धि –काल ,अग्रि,भस्म ,मृत्तिका ,गोबर ,पानी ,ज्ञान और निर्विचिकित्सा-ग्लानिरहितपना ये 8 प्रकार की वस्तुओं से व्यवहार में शुद्धि की जाती है “जैसे मिट्टी से हाथ धोना ,गोबर से जमीन लीप कर शुद्ध करना आदि “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावार्थ दीपिका – Bhavartha Dipika. A commentary book written by Pandit Shivjit. पं. शिवजित (वि. १८१८) कृत भगवती आराधना की भाषा टीका “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शांतिनाथ पुराण – Shantinaatha Puraana. Many narrative books of this title written by 1)Poet Asag 2) Acharya Shreedhar 3) sakalkirti 4) Shubhkirti. कवि असग द्वारा (ई. 988) रचित हिंदी महाकाव्य, आचार्य श्रीधर (ई. 1132) कृत अपभ्रंश काव्य, सकलकीर्ति (ई. 1406-1442) कृत 3475 संस्कृत पद्य प्रमाण ग्रंथ, शुभकीर्ति (ई.श. 15 पूर्वार्ध) कृत अपभ्रंश काव्य “